मुंबई, एक अगस्त (भाषा) कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और संभवत: आरबीआई के हस्तक्षेप के कारण शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे मजबूत होकर 87.53 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए सिरे से शुल्क लगाने के कारण वैश्विक व्यापार परिदृश्य में व्यापक व्यवधान की चिंताओं के चलते रुपये पर दवाब बना हुआ है।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने से जोखिम न लेने की भावना मजबूत हुई और रुपये के गिरने की आशंका बढ़ गईं।
ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से सामान खरीदने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने का ऐलान किया था।
शुल्क लागू करने की तारीख एक अगस्त थी, लेकिन इसे बढ़ाकर सात अगस्त कर दिया गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.60 पर खुला। कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया ने 87.20 के ऊपरी स्तर को छूआ। अंत में रुपया 12 पैसे बढ़कर 87.53 (अस्थायी) पर बंद हुआ था।
रुपया बृहस्पतिवार को अपने सर्वकालिक निम्नतम स्तर से 15 पैसे की बढ़त के साथ 87.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ”अमेरिका से मिले-जुले और सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों ने डॉलर को सहारा दिया। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और आरबीआई के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर हस्तक्षेप की खबरों ने रुपये के शुरुआती नुकसान को कम कर दिया।”
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 0.26 प्रतिशत बढ़कर 100.23 पर पहुंच गया।
ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 0.31 प्रतिशत गिरकर 71.48 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।
चौधरी ने कहा, ”हमारा अनुमान है कि रुपया कमजोर रहेगा। घरेलू बाजार कमजोर रहा। व्यापार समझौते पर जारी अनिश्चितता के चलते बाजार की धारणा प्रभावित हुई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है। डॉलर-रुपये का हाजिर भाव 87.15 से 88 के बीच रहने का अनुमान है।”
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 585.67 अंक या 0.72 प्रतिशत गिरकर 80,599.91 पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 203.00 अंक या 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,565.35 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 5,588.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा पाण्डेय रमण
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