नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि केरल के मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में 2025 में निपाह वायरस संक्रमण के तीन मामले सामने आए हैं और 677 संपर्कों का पता लगाया गया है।
जाधव ने एक लिखित उत्तर में कहा कि निपाह के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार द्वारा नियंत्रण उपाय शुरू किए गए हैं और कदम उठाए गए हैं।
यह संक्रमण निपाह वायरस (एनआईवी) के कारण होने वाला एक उभरता हुआ जूनोटिक संक्रामक रोग है। यह मुख्य रूप से सूअरों और मनुष्यों को प्रभावित करता है।
जाधव ने बताया कि मनुष्यों में निपाह के मामले आमतौर पर एक समूह में या प्रकोप के रूप में होते हैं, खासकर निकट संपर्कों और देखभाल करने वालों में।
जाधव ने कहा कि भारत में, अधिकांश संक्रमण खजूर के पेड़ों से रस इकट्ठा करने के साथ ही होते हैं। जाधव ने कहा कि इसी वजह से कुछ इलाकों में निपाह के मामले बार-बार सामने आते हैं।
निपाह रोग के प्रकोप को रोकने के लिए शुरू किए गए नियंत्रण उपायों का जिक्र करते हुए, जाधव ने कहा कि निगरानी तंत्र के माध्यम से प्रारंभिक चेतावनी संकेतों को एकत्रित करके अलर्ट जारी किए जाते हैं, शुरुआती चरण में ही प्रकोप का पता लगाया जाता है और प्रकोप की जांच की जाती है और संबंधित जन स्वास्थ्य एजेंसियों द्वारा रोग के प्रसार को नियंत्रित करने और रोकने के लिए समय पर उचित उपाय किए जाते हैं।
इन प्रकोपों के व्यापक मूल्यांकन और समीक्षा के लिए पशुपालन एवं डेयरी, वन एवं वन्यजीव तथा मानव स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों वाली एक राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया टीम (एनजेओआरटी) और चमगादड़ सर्वेक्षण टीम को तैनात किया गया है।
भाषा वैभव माधव
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