नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कहा कि कुछ सांसदों ने राज्यसभा की कार्यवाही बाधित करने के लिए आक्रामक तरीके से हंगामा किया, जिसके बाद मार्शलों को उन्हें रोकना पड़ा।
उन्होंने कहा कि यह सरकार का काम नहीं है, बल्कि दोनों सदनों के संबंधित पीठासीन अधिकारियों को जो उचित लगता है, वो कदम उठाते हैं।
उनकी यह प्रतिक्रिया राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा सदन में आसन के समीप सीआईएसएफ सहित सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद आई है। खरगे ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों को मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है।
रीजीजू ने कहा कि दो घुसपैठियों के लोकसभा में कूदने की घटना के बाद से सीआईएसएफ के जवान सुरक्षा व्यवस्था के तहत तैनात रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों द्वारा सदन के भीतर सचिवालय की मेज पर से कूदने के भी मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया कि अगर उन्हें कोई समस्या है तो वह उपसभापति से परामर्श करेंगे।
मंत्री ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार कुछ सांसद कार्यवाही बाधित करने के लिए आक्रामक तरीके से अपनी सीटों से उठकर आ गए।
उन्होंने कहा कि सांसदों को अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करने या अपने मुद्दे उठाने से रोकने वाला कोई भी काम नहीं किया जाएगा, लेकिन उन्हें भी दूसरों को बोलने से रोकने और उनके अधिकारों का हनन करने का कोई हक नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है जिसकी निगरानी सभापति करते हैं, सरकार नहीं।’’
दिसंबर 2023 में घुसपैठ की घटना के बाद समग्र सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए लाए गए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक, सीआईएसएफ की मौजूदगी पर खरगे की आपत्तियों के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि ‘‘कुछ अप्रिय घटनाओं’’ के बाद सुरक्षा व्यवस्था को अपडेट किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ फैसले लिए गए हैं। संसद परिसर के भीतर प्रशासनिक व्यवस्था भारत सरकार के अधीन नहीं है, इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता कि क्या किया जाना चाहिए।’’
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को लिखे एक पत्र में, खरगे ने कहा कि जब सदस्य अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे थे, तब सीआईएसएफ कर्मियों को सदन में दौड़ते देखकर वह स्तब्ध और आश्चर्यचकित थे।
गत 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में लगातार व्यवधान देखने को मिला है।
विपक्षी सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध करते हुए संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं।
भाषा वैभव माधव
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