पुणे, 1 अगस्त। पुणे की दौंड तहसील के यवत में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर शुक्रवार दोपहर दो समूहों के बीच झड़प हो गई। पुलिस को कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि समुदाय विशेष के एक युवक ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड की, जिससे दूसरे समूह के कुछ लोग आक्रोशित हो उठे।
उन्होंने ने बताया, ‘‘उग्र भीड़ ने दूसरे समुदाय की अवसंरचनाओं और संपत्तियों में तोड़फोड़ की, पथराव किया और एक मोटरसाइकिल में आग लगा दी। भीड़ को तितर-बितर करने और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए हमें आंसू गैस के गोले दागने पड़े। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिस युवक ने यह पोस्ट अपलोड की थी, उसे हिरासत में ले लिया गया है।’’
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
पुणे एसपी के मुताबिक यवत गांव में दोपहर करीब साढ़े बारह बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक ने अपने व्हाट्सएप/फेसबुक पर एक आपत्तिजनक स्टेटस पोस्ट किया है। शिकायत के बाद युवक को थाना लाया गया। कार्रवाई शुरू की गई। कुछ गांव के लोग भी वहां पहुंचे। हमारी पुलिस टीम ने शांति बनाए रखने के लिए गांव के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शुरू की। लेकिन तब तक यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका था।
उन्होंने आगे बताया, एक सप्ताह पहले गांव में एक घटना हुई थी, इसलिए यहां स्थिति पहले से ही तनावपूर्ण थी। तनाव पहले ही बढ़ा हुआ था, इसलिए गांव के लोग सड़कों पर उतर आए और कुछ युवाओं ने एक संरचना में तोड़फोड़ का प्रयास किया। हालांकि, घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया है और गांव में गश्त की जा रही है। स्थिति अभी शांतिपूर्ण है।’ उन्होंने अफवाह फैलाने वालों को चेतावनी भी दी।
यह भी पढ़ें: ‘एटम बम’ वाले बयान पर गरमाई सियासत, EC ने राहुल गांधी को दिया जवाब
मामले को लेकर क्या बोले CM फडणवीस
आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते फैले साम्प्रदायिक तनाव पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मिल चुकी है और स्थिति अब नियंत्रण में है। फडणवीस ने बताया कि, “जानकारी के अनुसार, बाहर से आए किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक स्टेटस पोस्ट किया था, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।”
उन्होंने कहा कि पोस्ट के बाद लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। हालांकि, अब माहौल शांत है। उन्होंने कहा कि हमें यह भी जांच करनी होगी कि जो वीडियो क्लिप वायरल हो रही है, क्या वह उसी जगह की है या कहीं और की। कई बार ऐसे मामलों में फर्जी वीडियो भी सामने आते हैं। इसलिए इस पहलू की भी जांच जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों समुदायों के लोग आपस में बैठकर संवाद कर रहे हैं, और मिलकर तनाव को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि हमारी एक ही अपील है कि सभी लोग शांति बनाए रखें और कोई भी कानून अपने हाथ में न ले। अगर कोई ऐसा करता है, तो पुलिस उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन पोस्ट पर फंसी कंगना, HC ने नहीं मानी दलील