(शीर्षक में सुधार के साथ रिपीट)
नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले डीजल और विमान ईंधन जैसे पेट्रोलियम उत्पादों को आयात शुल्क से छूट दी गई है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी यह संकेत नहीं दिया है कि रूस के साथ भारत के ऊर्जा व्यापार को रोकने के लिए वह कौन सा जुर्माना लगाने की योजना बना रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को मौजूदा व्यापार बाधाओं पर चिंता जताते हुए भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने साथ ही कहा कि रूस के साथ ऊर्जा और रक्षा संबंधों के कारण भारत पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।
बाद में उन्होंने जिस सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, वह केवल अमेरिका आने वाले भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लागू करता है। इसमें ऐसे उत्पादों की भी सूची है, जिस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इनमें तैयार दवा उत्पाद (टैबलेट, इंजेक्शन और सिरप), औषधि निर्माण में उपयोग होने वाला कच्चा माल, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीटी सामान (सेमीकंडक्टर, स्मार्टफोन, एसएसडी और कंप्यूटर) और पेट्रोलियम उत्पाद (कच्चा तेल, एलएनजी, परिष्कृत ईंधन, बिजली और कोयला) शामिल हैं।
कार्यकारी आदेश में रूसी व्यापार के लिए लगाए जाने वाले किसी भी जुर्माने का भी संकेत नहीं है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका को 48.6 लाख टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया था, जिसकी कीमत चार अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अमेरिका को ईंधन का सबसे बड़ा निर्यातक है।
विश्लेषकों ने कहा कि ईंधन निर्यात छूट सूची में बने रहने से भारत और रिलायंस जैसी कंपनियों के लिए कारोबार सामान्य रूप से चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि अगर रूस से तेल आयात के लिए भारत पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है, तो यह राहत की बात होगी। फिलहाल, अमेरिकी प्रशासन ने किसी जुर्माने का संकेत नहीं दिया है।
भारत ऐतिहासिक रूप से अपना अधिकांश तेल इराक और सऊदी अरब सहित पश्चिम एशिया से खरीदता रहा है, लेकिन फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद हालात बदल गए। भारत ने छूट पर उपलब्ध रूसी तेल को खरीदना शुरू कर दिया।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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