नोम पेन्ह, एक अगस्त (एपी) थाईलैंड की सेना ने बंधक बनाए गए कंबोडिया के दो घायल सैनिकों को शुक्रवार को वापस लौटा दिया। कंबोडिया ने अपने दो सैनिकों की वापसी का स्वागत किया है। दोनों पक्ष क्षेत्रीय दावों को लेकर पांच दिनों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए पहले ही युद्ध विराम लागू कर चुके हैं।
उनका वापसी इस बात पर आरोप-प्रत्यारोप और तकरार के बीच हुई है कि क्या दोनों पक्षों ने नागरिकों को निशाना बनाया था और युद्ध के नियमों का उल्लंघन किया था, तथा सोशल मीडिया पर तीव्र राष्ट्रवादी विवाद भी चल रहा है।
मंगलवार को विवादित भूमि क्षेत्र में पकड़े गए 20 सदस्यीय कम्बोडियाई सैनिकों के समूह के शेष सदस्य अब भी थाईलैंड कब्जे में हैं तथा कम्बोडियाई अधिकारी उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।
दोनों देशों ने कब्जे की परिस्थितियों के बारे में अलग-अलग विवरण दिए हैं। कम्बोडियाई अधिकारियों का कहना है कि उनके सैनिक मित्रतापूर्ण इरादे से थाई सैनिकों के पास पहुंचे थे, ताकि लड़ाई के बाद माहौल सौहार्दपूर्ण रहे, जबकि थाई अधिकारियों का कहना है कि कम्बोडियाई सैनिक शत्रुतापूर्ण इरादे से वहां पहुंचे थे, तथा उस क्षेत्र में घुस आए थे, जिसे थाईलैंड अपना इलाका मानता है, इसलिए उन्हें बंदी बना लिया गया।
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता माली सोचेता ने पुष्टि की कि दोनों घायल सैनिकों को थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के ओद्दार मींचे प्रांत के बीच एक सीमा चौकी पर सौंप दिया गया है, और उन्होंने थाई पक्ष से “अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून” के अनुसार शेष कर्मियों को तुरंत वापस भेजने का आग्रह किया।
थाईलैंड का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है तथा शेष 18 सैनिकों को तब तक रोके हुए है, जब तक कि वह उनके कार्यों की जांच नहीं कर लेता।
एपी प्रशांत दिलीप
दिलीप