तूतीकोरिन, एक अगस्त (भाषा) केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत का समुद्री क्षेत्र अब केवल कारोबार का प्रवेश द्वार न होकर जलवायु सहनशीलता और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व का अग्रदूत भी बनता जा रहा है।
सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मैरिटाइम इंडिया विजन 2030’ से प्रेरित होकर देश के बंदरगाह टिकाऊ विकास और वैश्विक पर्यावरण मानकों को अपना रहे हैं।
उन्होंने वीओसी बंदरगाह प्राधिकरण की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश का समुद्री क्षेत्र एक ‘अभूतपूर्व बदलाव’ के दौर से गुजर रहा है, जो न केवल वाणिज्यिक बल्कि पर्यावरणीय नेतृत्व के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर पोत परिवहन सचिव टी के रामचंद्रन ने कहा कि भारत को हरित हाइड्रोजन और संबंधित प्रौद्योगिकी को अपनाने का अनुभव विकसित करना चाहिए ताकि आने वाले दशक में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई जा सके।
वीओसी बंदरगाह के चेयरमैन सुशांत कुमार पुरोहित ने कहा, ‘हम भारत के समुद्री भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता बढ़ाने, सहयोग को प्रोत्साहित करने और गति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पर्यावरण अनुकूल उपाय हम सबकी साझी जिम्मेदारी है।’
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन विजय कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल उपायों को प्राथमिकता देना समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य पाने के लिए मंत्रालय का ‘नाविक’ प्रकोष्ठ पूरे देश में पर्यावरण-अनुकूल अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास का समन्वय कर रहा है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण