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Monday, August 11, 2025

संसद में एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग को मानने के पक्ष में नहीं लगती सरकार

Newsसंसद में एसआईआर पर चर्चा की विपक्ष की मांग को मानने के पक्ष में नहीं लगती सरकार

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) विपक्ष की दोनों सदनों में एसआईआर पर बहस की मांग के बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के एक फैसले का हवाला दिया कि संसद निर्वाचन आयोग के कामकाज पर चर्चा नहीं कर सकती है।

मानसून सत्र का शुक्रवार को दसवां कार्यदिवस था और बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर दोनों सदनों में चर्चा की विपक्ष की मांग के कारण आज भी कामकाज नहीं हो सका।

रीजीजू ने कहा कि इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के उपसभापति को फैसला लेना है, लेकिन आधिकारिक सूत्रों से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष की बात मानने के पक्ष में नहीं लगती, जिसे लेकर विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दल प्रदर्शन कर रहे हैं।

दिवंगत कांग्रेसी नेता जाखड़ 1980 से 1989 के बीच लोकसभा के अध्यक्ष रहे। यह निचले सदन में कांग्रेस के अपने दम पर बहुमत का आखिरी दशक था।

रीजीजू ने कहा कि एसआईआर निर्वाचन आयोग के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब निर्वाचन आयोग यह कवायद कर रहा है। संसद निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक कामकाज पर चर्चा कर सकती है या नहीं, यह नियमों के अनुसार आसन को तय करना है।’’

उन्होंने कहा कि सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा होती है तो उस विषय से संबंधित सरकार के कोई मंत्री आमतौर पर सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देते हैं, लेकिन संवैधानिक रूप से स्वायत्त निर्वाचन आयोग के मामले में ऐसा कौन कर सकता है?

उन्होंने कहा कि जो नियम और परंपरा के अनुकूल नहीं है, उस पर चर्चा नहीं की जा सकती।

विपक्ष ने आयोग पर सरकार के इशारे पर काम करने और चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर विपक्षी दलों से सहानुभूति रखने वाले मतदाताओं के नाम सूची से हटाने का आरोप लगाया है।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग ‘वोट चोरी’ में लिप्त है और वह भाजपा के लिए ऐसा कर रहा है।

गत 21 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से, विपक्ष के सदस्य एसआईआर का विरोध कर रहे हैं और संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं जिसके कारण गतिरोध बना हुआ है और कामकाज बाधित है।

संसद में व्यवधान डालने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए रीजीजू ने कहा कि संसद चलाने में श्रमशक्ति और धन सहित भारी संसाधन खर्च किए जाते हैं, लेकिन विपक्ष के लगातार विरोध ने उन्हें बर्बाद कर दिया है।

उन्होंने कहा कि हर सदस्य कोई ऐसा मुद्दा उठाना चाहता है जिसे वह महत्वपूर्ण समझता है, लेकिन विपक्षी दल अब उन्हें सरकार से सवाल पूछने या महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

रीजीजू ने कहा, ‘‘संसद चलाने में करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगियों को अपने आचरण के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।’’

भाषा वैभव प्रशांत

प्रशांत

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