नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) शोधकर्ताओं ने पांच दशकों में मानव ऊतकों के नमूनों का विश्लेषण करते हुए पाया है कि 50 वर्ष की आयु एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है, जिसके बाद उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और रक्त वाहिकाएं जल्दी ही कमजोर पड़ने लगती हैं।
‘चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज’ से शोधकर्ताओं के ये निष्कर्ष ‘सेल’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। ये निष्कर्ष उम्र बढ़ने की प्रक्रियाओं को समझने के लिए मनुष्यों के प्रोटीन के विश्लेषण से प्राप्त साक्ष्यों में और इजाफा करते हैं।
पिछले साल अगस्त में ‘नेचर एजिंग’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि 44 और 60 वर्ष की आयु वह समय हो सकता है जब मानव शरीर अणुओं और सूक्ष्मजीवों में परिवर्तन का अनुभव करता है, जिसका हृदय और प्रतिरक्षा कार्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
‘सेल’ के अध्ययन में हृदय, प्रतिरक्षा और पाचन तंत्र समेत शरीर के विभिन्न अंगों से लिए गए 13 मानव ऊतकों के 500 से अधिक नमूनों का अध्ययन किया गया। उन व्यक्तियों के नमूनों की जांच के लिए ‘प्रोटिओमिक्स’ या प्रोटीन का व्यापक अध्ययन किया गया था जिनकी 50 वर्ष की आयु के बाद उम्र ढलने लगी थी।
टीम ने लिखा कि उनका यह अध्ययन धमनी के शीघ्र उम्र बढ़ने पर प्रकाश डालता है उम्र बढ़ने की शुरुआत में रक्त वाहिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।
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सुरभि प्रशांत
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