नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) कपड़ा क्षेत्र का शीर्ष निकाय कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका के 25 प्रतिशत शुल्क लगाने से भारत के कपड़ा और परिधान निर्यात को नुकसान होगा और सरकार को निर्यातकों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो सात अगस्त से लागू होगा।
सीआईटीआई ने सुझाव दिया कि सरकार को इस क्षेत्र के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी दरों पर कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि घरेलू निर्यातक अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें।
सीआईटीआई के चेयरमैन राकेश मेहरा ने कहा कि बांग्लादेश जैसे प्रतिस्पर्धी देशों के लिए शुल्क में भारी कमी करने के अमेरिका के फैसले से भारत के कपड़ा और परिधान निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
बांग्लादेश के लिए नया अमेरिकी शुल्क 20 प्रतिशत, इंडोनेशिया और कंबोडिया के लिए 19-19 प्रतिशत और वियतनाम के लिए 20 प्रतिशत है। इस समय चीन अमेरिका को वस्त्र और परिधान वस्तुओं का सबसे बड़ा निर्यातक है, उसके बाद वियतनाम, भारत और बांग्लादेश का स्थान है।
कपड़ा और परिधान निर्यात के लिए अमेरिका भारत का सबसे बड़ा बाजार है। भारत ने 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के वस्त्र निर्यात का लक्ष्य रखा है।
मेहरा ने कहा कि सीआईटीआई को भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) जल्द लागू होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ”भारत को किसी भी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करते समय हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी चाहिए।”
भाषा पाण्डेय रमण
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