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Saturday, August 2, 2025

‘ओरिएंटेशन हॉल’ से लेकर ‘छोले-कुलचे’ स्टॉल तक: नए छात्रों ने डीयू में जीवन के अनोखे रंग देखे

News‘ओरिएंटेशन हॉल’ से लेकर ‘छोले-कुलचे’ स्टॉल तक: नए छात्रों ने डीयू में जीवन के अनोखे रंग देखे

(मोहित सैनी)

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) पेड़ों से घिरी सड़कों पर एक बार फिर रिक्शे दौड़ते हुए दिखाई दिए, नोटिस बोर्ड हाथ से बने पोस्टरों से सजे नजर आए और उमस भरी सुबह की हवा में बिखरी ‘छोले-कुलचे’ की खुशबू ने सबका मन मोह लिया। शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का नॉर्थ कैंपस पूरी तरह से गुलजार था, क्योंकि लगभग दो महीने के सन्नाटे के बाद नया शैक्षणिक सत्र आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया।

सेंट स्टीफन कॉलेज के लाल ईंटों वाले गलियारों से लेकर मिरांडा हाउस के हरे-भरे लॉन तक, अपने सपनों को आकार देने के लिए उत्साहित नए-पुराने छात्रों की भीड़ दिखाई दी। कई छात्रों के लिए यह दिल्ली विश्वविद्यालय के हलचल भरे जीवन का पहला अनुभव था।

हरियाणा से आई बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी की छात्रा संजना शर्मा (20) ने कहा, “ओरिएंटेशन कार्यक्रम शानदार था। सीनियर बहुत मददगार थे और उन्होंने हमें विश्वविद्यालय की सैर भी कराई। सत्र के बाद, हम सब दौड़कर उनके पास जाते और कॉलेज जीवन के बारे में पूछते और वे हमें खुलकर इसके बारे में बताते!”

दिल्ली मेट्रो के विश्वविद्यालय स्टेशन पर सुबह से ही बैग लादे और सेल्फी खींचते छात्रों की भारी भीड़ नजर आई। कॉलेज परिसरों में छात्र सोसाइटी नए सदस्य बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखीं। नोटिस बोर्ड हाथ से लिखे आमंत्रण पत्रों से पटे पड़े थे, जिन पर लिखा था-“ड्रामेटिक्स सोसाइटी के लिए ऑडिशन अपराह्न दो बजे!”, “हमारे नृत्य समूह में शामिल हों!”, “वाद-विवाद आजमाइश-सभी वर्षों के छात्रों का स्वागत है!”

कॉलेज के प्रवेश द्वार पर सीनियर छात्र खड़े नजर आए। उन्हें नए छात्रों को उनकी कक्षाओं का रास्ता बताते देखा गया। कई सीनियर छात्रों ने नए छात्रों की मदद के लिए बनाई गई ‘हेल्प डेस्क’ पर मोर्चा संभाला।

प्रथम वर्ष की छात्रा दीक्षा ने कहा, “सच कहूं तो मुझे रैगिंग को लेकर बहुत डर लग रहा था, लेकिन मैंने जैसे ही कॉलेज में कदम रखा, मेरा सारा डर गायब हो गया। सभी सीनियर बहुत अच्छी तरह पेश आए। उन्होंने हमसे हंसी-मजाक किया। हर पग पर हमारी मदद की।”

चंचल नाम की छात्रा ने कहा, “मैं अजमेर से हूं। यह सब मेरे लिए नया है। नए लोग, नया शहर, सबकुछ नया है। उम्मीद है कॉलेज मुझे एक अच्छा प्लेटफॉर्म देगा… लेकिन हां, अभी मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूं।”

दूसरी ओर, नॉर्थ कैंपस के मशहूर फूड स्टॉल की कमाई काफी बढ़ गई। छात्र अपने पसंदीदा ‘छोले-कुलचे’ का लुत्फ उठाने के लिए रामजस कॉलेज और हिंदू कॉलेज के बाहर कतार में खड़े थे। सोशल मीडिया पर सक्रिय फूड व्लॉगर ने इन ‘छोले-कुलचे’ को और मशहूर कर दिया है।

भाषा पारुल नेत्रपाल

नेत्रपाल

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