नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 47 पैसे उछलकर 87.18 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में उम्मीद से कम रोजगार वृद्धि के कारण डॉलर में तेज गिरावट के बाद रुपये में यह तेजी देखी गई।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, कच्चे तेल की कम कीमतों और रिजर्व बैंक के संदिग्ध हस्तक्षेप ने स्थानीय मुद्रा को नकारात्मक घरेलू शेयर बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों की सतत निकासी के दबाव का सामना करने में मदद की।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए शुल्क ने वैश्विक व्यापार परिदृश्य में व्यापक व्यवधान की नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।
बुधवार को ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से भारत की खरीद को लेकर अतिरिक्त जुर्माना लगाने की घोषणा की। ये शुल्क सात अगस्त से लागू होंगे।
शुल्क लागू करने की तारीख एक अगस्त थी, लेकिन इसे बढ़ाकर सात अगस्त कर दिया गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.60 पर खुला। कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 87.18 के ऊपरी स्तर पर गया। अंत में रुपया 47 पैसे के उछाल के साथ 87.18 पर बंद हुआ।
रुपया बृहस्पतिवार को अपने सर्वकालिक निचले स्तर से 15 पैसे की बढ़त के साथ 87.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ”अमेरिका से मिले-जुले और सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों ने डॉलर को सहारा दिया। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और आरबीआई के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर हस्तक्षेप की खबरों ने रुपये के शुरुआती नुकसान को कम कर दिया।”
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति का आकलन करने वाला डॉलर सूचकांक 1.02 प्रतिशत घटकर 98.72 रह गया।
ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 2.79 प्रतिशत गिरकर 69.70 डॉलर प्रति बैरल रह गई।
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 585.67 अंक टूटकर 80,599.91 पर बंद हुआ। दूसरी ओर निफ्टी 203.00 अंक गिरकर 24,565.35 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 3,366.40 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। भाषा राजेश राजेश रमण
रमण