कोल्हापुर, एक अगस्त (भाषा) गुजरात के जामनगर जिले में वंतारा के राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट से 36-वर्षीय मादा हाथी महादेवी को वापस लाने के प्रयास जारी हैं। महाराष्ट्र के मंत्री प्रकाश अबितकर ने शुक्रवार को यह कहा।
‘महादेवी’ को माधुरी भी कहा जाता है।
मंत्री ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज कोल्हापुर में एक बैठक में वंतारा के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे महादेवी को कोल्हापुर जिले के नंदनी में वापस लाने के प्रयासों में सहयोग करेंगे।’
महादेवी तीन दशकों से अधिक समय तक नंदनी में श्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी जैन मठ में थीं। इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत के फैसले के बाद उसे वंतारा में स्थानांतरित कर दिया गया।
बंबई उच्च न्यायालय ने 16 जुलाई को महादेवी को जामनगर में वंतारा के सुविधा केंद्र में पुनर्वासित करने का आदेश दिया था, क्योंकि एक गैर-सरकारी संगठन ने महाराष्ट्र वन विभाग और उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के समक्ष उसके ‘बिगड़ते स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक पीड़ा’ पर चिंता जताई थी।
उच्चतम न्यायालय ने 25 जुलाई को उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।
अबितकर ने कहा कि कोल्हापुर जिले से भाजपा सांसद धनंजय महादिक और शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ‘महादेवी’ को वापस लाने के लिए केंद्र से उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल करवाने के लिए काम कर रहे हैं।
महादिक ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की और महादेवी को नंदनी स्थित जैन मठ में वापस लाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
महादेवी को कथित तौर पर 1992 में कर्नाटक से कोल्हापुर मठ में लाया गया था और तब वह लगभग तीन साल की थी। उसने कथित तौर पर 2017 में मुख्य पुजारी को दीवार पर पटक-पटक कर मार डाला था।
कांग्रेस विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सतेज पाटिल ने कहा कि कोल्हापुर के लोग हाथी वापस चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘महादेवी को नंदनी स्थित जैन मठ में वापस भेजने की मांग को लेकर सवा लाख से अधिक लोगों ने फॉर्म पर हस्ताक्षर किए हैं। ये फॉर्म कोल्हापुर से स्पीड पोस्ट के जरिये राष्ट्रपति कार्यालय भेजे जाएंगे।’
भाषा
शुभम सुरेश
सुरेश