भुवनेश्वर, एक अगस्त (भाषा) ओडिशा के गजपति जिले में एक सरकारी विभाग में नवनियुक्त जूनियर इंजीनियर को पीने के पानी की जगह मूत्र मिला पानी देने के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को एक सहायक को नोटिस जारी कर उससे अपनी कथित भूमिका स्पष्ट करने को कहा है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सहायक ने दावा किया कि उसने प्यूरीफायर मशीन से पानी लिया था और बोतल इंजीनियर के कमरे में रख दी थी तथा इसके बाद क्या हुआ, उसे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
पुलिस ने यह कार्रवाई परलाखेमुंडी स्थित ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता (आरडब्ल्यूएसएस) विभाग के कार्यालय में हुई घटना के लगभग एक हफ्ते बाद की है।
आरडब्ल्यूएसएस कार्यालय में 18 जुलाई को कार्यभार संभालने वाले जूनियर इंजीनियर ने आर. उदयगिरी थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 23 जुलाई को सहायक ने उसे मानव मूत्र मिले पानी की बोतल दी थी।
पुलिस ने सहायक को नोटिस जारी कर घटना में अपनी भूमिका स्पष्ट करने को कहा है।
गजपति के पुलिस अधीक्षक जतिंद्र कुमार पांडा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ‘‘सहायक के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं होने पर उसे गिरफ्तार करने का कोई मतलब नहीं है। हमने कथित तौर पर मानव मूत्र मिला पानी जब्त कर लिया है और उसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है। पुलिस ने सहायक और इंजीनियर से नमूने भी एकत्र किए हैं।’’
अपनी शिकायत में इंजीनियर ने कहा कि सहायक ने उसे पीने के लिए पानी की एक बोतल दी। उन्होंने कहा कि पानी का एक घूंट पीने के बाद उन्हें पानी की गंध और स्वाद अलग लगा तथा उसमें कुछ और होने का संदेह हुआ।
इंजीनियर ने शिकायत में कहा कि उस समय मौजूद दो अन्य कर्मचारियों ने भी उस तरल पदार्थ को चखा और उनका संदेह सही साबित हुआ।
इसके बाद उन्होंने नमूना आरडब्ल्यूएसएस प्रयोगशाला भेजा। प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षण में नमूने में 2.0 पीपीएम अमोनिया पाया गया, जिससे मूत्र संदूषण का संदेह पैदा हुआ।
इंजीनियर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अमोनिया के उच्च स्तर से यह साबित होता है कि यह मूत्र था। मैंने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई है। मैं पूरी जांच चाहता हूं। मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं।’’
सहायक ने आरोप से इनकार किया।
उसने कहा, ‘‘मैं एक प्यूरीफायर मशीन से पानी लाया था। मैंने बोतल इंजीनियर के कमरे में रख दी। मुझे नहीं पता कि उसके बाद क्या हुआ।’’
भाषा सुरभि नेत्रपाल
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