अयोध्या, एक अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के अयोध्या शहर के बाहरी इलाके में स्थित गद्दोपुर मझवा गांव में रहने वाले लोगों ने प्रस्तावित रेल बाईपास परियोजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
गद्दोपुर मझवा गांव में सेवानिवृत्त और सेना में तैनात सैनिकों के 50 से ज्यादा परिवार रहते हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस परियोजना से शहर के घनी आबादी वाले इलाकों के हजारों निवासी विस्थापित हो जाएंगे।
अधिकारियों के अनुसार, इस प्रस्ताव में एक बाईपास रेलवे लाइन बनाने की बात शामिल है, जो इलाहाबाद-अयोध्या और लखनऊ-अयोध्या मार्गों को जोड़ेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद राम तीरथ के नेतृत्व में स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि इस परियोजना से गद्दोपुर मझवा गांव के घरों और कृषि भूमि पर असर पड़ेगा।
राम तीरथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रेल मंत्रालय ने अपने बजट को कम करने के लिए सबसे छोटा रास्ता चुना है, जो हजारों लोगों की जान की कीमत पर से होकर गुजरता है।
उन्होंने कहा, “अगर रेलवे ने थोड़ा लंबा रास्ता अपनाया होता तो हजारों लोगों को विस्थापित होने से बचाया जा सकता था।”
निगम पार्षद ने कहा कि कई निवासियों ने कर्ज लेकर अपने घर बनाए हैं और अब उन्हें अपने मकानों को खोने का खतरा मंडरा रहा है।
स्थानीय लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों और सत्ताधारी व विपक्षी दलों के नेताओं को सौंपे एक ज्ञापन में बाईपास मार्ग को बदलने की अपील की।
पार्षद ने कहा, “हमने अधिकारियों और नेताओं को ज्ञापन सौंपा है लेकिन कोई भी हमारी मदद करने को तैयार नहीं है।”
रेल मंत्रालय ने हाल ही में इस परियोजना का विस्तृत विवरण देते हुए एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें पुष्टि की गई थी कि नई बाईपास लाइन दो मौजूदा रेलवे मार्गों को सीधे माल गोदाम से जोड़ेगी।
भाषा सं आनन्द जितेंद्र
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