राजस्थान सरकार जल्द ही एक समावेशी, नैतिक और उत्तरदायी कृत्रिम मेधा (AI) नीति लागू करने जा रही है। अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ‘राजस्थान एआई पॉलिसी 2025’ को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।
इस नीति के तीन प्रमुख स्तंभ निर्धारित किए गए हैं:
नैतिक और जिम्मेदार एआई को अपनाना
सरकारी संस्थानों में एआई के उपयोग के लिए एक जवाबदेह और नैतिक ढांचा विकसित किया जाएगा, ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके और पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
कौशल विकास और अनुसंधान को बढ़ावा
युवाओं को एआई, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे। साथ ही, अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण
एआई-आधारित विकास के लिए आवश्यक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।
बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री शर्मा की अगुवाई में राजस्थान सरकार सूचना प्रौद्योगिकी और संचार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रही है। सरकार की प्रगतिशील नीतियाँ और नवाचारों को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता ने राज्य को तकनीकी क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है।
तकनीकी नवाचार की दिशा में अन्य प्रमुख पहलें
हाल ही में लागू ‘एवीजीसी-एक्सआर नीति’ (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और एक्सटेंडेड रियलिटी) ने रचनात्मक उद्योगों में राजस्थान को अग्रणी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित किया है।
राज्य सरकार ने ₹1000 करोड़ की लागत से चार अटल इनोवेशन स्टूडियो एंड एक्सेलेरेटर स्थापित करने की योजना भी तैयार की है।
साथ ही, राज्य में डेटा सेंटर पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए ‘राजस्थान डेटा सेंटर नीति-2025’ को भी लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य राजस्थान को भारत का प्रमुख डेटा सेंटर हब बनाना है।
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