लंबे समय तक जेल में रहने के बाद कुछ दिन पहले ही रिहा हुए नरेश मीणा को एक बार फिर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। नरेश मीणा इन दिनों झालावाड़ जेल में बंद है। शनिवार को कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे अब नरेश मीणा और उसके साथियों को फिर से जेल में रहना पड़ेगा।
दरअसल यह मामला 25 जुलाई का है। अस्पताल प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने नरेश मीणा, मुरारीलाल, जकाकाश और हिस्ट्रीशीटर प्रदीप उर्फ गोलू मीणा को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि इन लोगों ने पुलिसकर्मियों और डॉक्टर्स से धक्का मुक्की की थी। सरकारी कामकाज में बाधा डालने के मामले में पुलिस ने उन्हें गिफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया था।
दोबारा सलाखों के पीछे
नरेश मीणा हाल ही में करीब 8 महीने की न्यायिक हिरासत के बाद जेल से बाहर आया था, लेकिन सिर्फ 13 दिनों की रिहाई के बाद एक नए मामले में वह दोबारा सलाखों के पीछे पहुंच गया। कोर्ट ने जमानत यचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि नरेश मीणा आदतन अपराधी है। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की और सरकारी कर्चारियों की ड्यूटी में व्यवधान उत्पन्न किया।
पहले इस मामले में जा चुका है जेल
13 नवंबर को विधानसभा उपचुनाव हुए। इस दौरान देवली उनियारा विधानसभा में मतदान के दौरान समरावता गांव के लोगों ने मतदान बहिष्कार किया था। नरेश मीणा ने भी गांव वालों का समर्थन किया। इस दौरान SDM पर कुछ लोगों को जबरन वोट दिलवाने का आरोप था।
नरेश मीणा ने एसडीएम के साथ धक्का-मुक्की करते हुए अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिए थे। इस मामले के बाद लोगों और पुलिस में झड़प भी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने नरेश के खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे। घटना के दौरान गांव में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने अगले दिन नरेश मीणा को गिरफ्तार किया था। ग्रामीणों पर भी पुलिस ने कार्रवाई की थी।
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