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Monday, August 11, 2025

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में “आदु जीवितम” को नजरअंदाज क्यों किया गया: शिवनकुट्टी

Newsराष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में “आदु जीवितम” को नजरअंदाज क्यों किया गया: शिवनकुट्टी

तिरुवनंतपुरम, तीन अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में पृथ्वीराज अभिनीत मलयाली फिल्म ‘आदु जीवितम’ (द गोट लाइफ) को पूरी तरह से नजरअंदाज किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर सिने प्रेमियों की ओर से संदेह जताए जाने के बीच केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने रविवार को अपने सोशल मीडिया पेज पर यही सवाल उठाया।

फेसबुक पर एक पोस्ट में शिवनकुट्टी ने कहा, “मुझे शाहरुख खान पसंद हैं। लेकिन मेरी राय में, ‘आदु जीवितम’ में पृथ्वीराज का अभिनय सर्वश्रेष्ठ है।”

उन्होंने निर्णायक मंडल के निर्णय में राजनीतिक झुकाव का संदेह जताते हुए पोस्ट में पूछा, “फिल्म को पूरी तरह से नजरअंदाज कैसे कर दिया गया?”

शिवनकुट्टी राज्य के पहले राजनीतिक नेता हैं, जिन्होंने ‘द केरल स्टोरी’ के निर्देशक सुदीप्तो सेन को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार देने के लिए निर्णायक मंडल की आलोचना की थी।

राज्य की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से किए गए ‘मुस्लिम विरोधी प्रचार’ के लिए फिल्म की आलोचना हुई थी।

ब्लेसी के निर्देशन में बनी ‘आदु जीवितम’ की समीक्षकों ने प्रशंसा की थी और यह बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफल रही थी। फिल्म में पृथ्वीराज के अभिनय की समीक्षकों और दर्शकों दोनों ने सराहना की थी, जिन्हें लगा था कि वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के दावेदार हैं।

इस साल की शुरुआत में, मोहनलाल अभिनीत और पृथ्वीराज द्वारा निर्देशित फिल्म ‘एम्पुराण’ को गुजरात दंगों के चित्रण के कारण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से परेशानी का सामना करना पड़ा था।

संघ परिवार के संगठनों द्वारा फिल्म विरोध में खुलकर सामने आने के बाद, फिल्म को कांट-छांट और बदलावों के बाद दोबारा सेंसर किया गया, जिसके बाद यह रिलीज हुई।

आरएसएस के मुखपत्र, ‘ऑर्गनाइजर’ ने उस समय कहा था कि पृथ्वीराज की फिल्म में 2002 के गुजरात दंगों का इस्तेमाल ‘हिंदू विरोधी राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने’ के लिए किया गया।

भाषा जोहेब प्रशांत

प्रशांत

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