हैदराबाद, तीन अगस्त (भाषा) तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष एवं विधानपरिषद सदस्य के. कविता ने रविवार को आरोप लगाया कि उनके खिलाफ की गई ‘अनुचित टिप्पणी’ के पीछे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का हाथ है।
इसी के साथ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के ‘‘आंतरिक मतभेद’’ फिर से सामने आ गए हैं।
कविता ने हालांकि टिप्पणियों की प्रकृति का खुलासा नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी के सहयोगियों की चुप्पी बहुत कुछ कह रही है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मेरे यानी तेलंगाना की बेटी के खिलाफ अनुचित टिप्पणियां की गईं, तो पूरे राज्य को बुरा लगा। कई लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की। लेकिन किसी कारण से, बीआरएस में मेरे भाई चुप रहे। हमें यह सवाल पूछना होगा कि ऐसा क्यों हुआ।’’
कविता ने दावा किया कि उनके पास पुख्ता जानकारी है कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ऐसी टिप्पणियों करने के लिए भड़काया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये षड्यंत्रकारी सोचते हैं कि वे मेरे समर्थकों के बीच लोगों को घुसाकर मेरे बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए-मुझे भी पता है कि पार्टी के अंदर क्या हो रहा है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं जानती हूं कि आपने किससे मुलाकात की, किसे मेरे खिलाफ बोलने के लिए उकसाया। आप एक महिला को निशाना बनाने के लिए कितने गिर गए। मैं यह सब देख रही हूं।’’
बीआरएस अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी कविता ने कहा कि वह ‘कर्म में विश्वास करती हैं’। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग उन्हें निशाना बना रहे हैं, उन्हें ‘अंततः परिणाम भुगतने होंगे।’
उन्होंने बीआरएस के एक ‘लिलिपुट नेता’ पर भी निशाना साधा और उन पर नलगोंडा जिले में पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने एवं उनके बारे में ‘अपमानजनक टिप्पणियां’ करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘केसीआर के बिना बीआरएस में किसी नेता का क्या कद है? केसीआर ही हम सभी को लोगों के सामने लाए।’’
बीआरएस में गुटबाजी मई के प्रारंभ में तब सार्वजनिक रूप से सामने आ गयी जब कविता ने अपने पिता और पार्टी प्रमुख को लिखे एक पत्र के लीक होने पर निराशा व्यक्त की। उस समय उन्होंने कहा था कि पार्टी के भीतर साजिशें चल रही हैं । उन्होंने ‘केसीआर की तुलना शैतानों से घिरे भगवान से की थी।’
उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव ने तब प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘पार्टी के आंतरिक मुद्दों को पार्टी मंच के भीतर ही सुलझाया जाना चाहिए न कि सार्वजनिक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए।’
तब से कविता ने तेलंगाना जागृति नामक सांस्कृतिक संगठन के तहत राजनीतिक गतिविधियां जारी रखी हैं, जिसकी वह प्रमुख हैं।
इस बीच, रविवार को उन्होंने मांग की कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार चार अगस्त से प्रस्तावित 72 घंटे की भूख हड़ताल की अनुमति दे।
उन्होंने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य राज्य सरकार और राजग के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दोनों पर तेलंगाना विधानसभा द्वारा मार्च में पारित पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक को मंजूरी देने के लिए दबाव बनाना है, जिसमें पिछड़े समुदायों के लिए 42 प्रतिशत कोटा प्रस्तावित है।
भाषा राजकुमार नरेश
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