29.6 C
Jaipur
Monday, August 4, 2025

संसद में गतिरोध के बीच सरकार विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर कर रही विचार

Newsसंसद में गतिरोध के बीच सरकार विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर कर रही विचार

नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार सोमवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण खेल विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है, क्योंकि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की विपक्ष की एकजुट मांग को सत्तारूढ़ गठबंधन से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

निचले सदन ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक को विचार एवं पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें खेल निकायों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता की परिकल्पना की गई है।

राज्यसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से छह महीने के लिए बढ़ाने संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को सोमवार को पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है।

पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दोनों सदनों में दो दिवसीय चर्चा को छोड़कर, 21 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसदीय कार्यवाही लगभग ठप रही है, क्योंकि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा विपक्षी दल लगातार उठा रहे हैं।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ इस मुद्दे पर एकजुट हो गया है और आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग की इस कवायद का उद्देश्य उसके एजेंडे के प्रति सहानुभूति रखने वाले मतदाताओं को हटाना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की संभावनाओं को बढ़ावा देना है।

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रक्रिया लागू करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल पात्र मतदाताओं को ही वोट डालने की अनुमति दी जाए।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर ‘‘वोट चोरी’’ का आरोप लगाते हुए आयोग की तीखी आलोचना की है। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को एक बयान में गांधी के आरोपों को ‘‘निराधार’’, ‘‘अप्रमाणित’’ और ‘‘भ्रामक’’ बताते हुए खारिज कर दिया था।

संसद में एसआईआर पर चर्चा की मांग के संबंध में सरकार द्वारा कोई ध्यान न दिए जाने के कारण विपक्ष संसद में लगातार इस पर प्रदर्शन कर रहा है, जिसके कारण बार-बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा है कि विपक्ष की मांग पर नियमों के अनुसार निर्णय लेना दोनों सदनों के अध्यक्ष का काम है।

हालांकि, उन्होंने हाल में बलराम जाखड़, जो 1980 से 1989 के बीच लोकसभा अध्यक्ष थे, के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सदन निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर बहस नहीं कर सकता, जिससे यह पता चलता है कि सरकार विपक्ष की मांग को अस्वीकार करती है।

इस संबंध में एक प्रमुख सरकारी पदाधिकारी ने कहा कि यदि संसद में व्यवधान के कारण सरकार का एजेंडा बाधित होता रहा तो वह शोरगुल के बावजूद अपने प्रमुख विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगी।

रीजीजू ने शुक्रवार को कहा था कि एसआईआर निर्वाचन आयोग के कार्यक्षेत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है जब निर्वाचन आयोग ऐसा कर रहा है। संसद निर्वाचन आयोग के प्रशासनिक कार्यों पर चर्चा कर सकती है या नहीं, यह नियमों के अनुसार अध्यक्ष को तय करना है।’’

उन्होंने कहा कि चर्चा में शामिल मुद्दे से संबंधित मंत्री आम तौर पर सदस्यों द्वारा उठाई गई चिंताओं का जवाब देते हैं, और आश्चर्य व्यक्त किया कि संवैधानिक रूप से स्वायत्त निकाय, निर्वाचन आयोग के मामले में ऐसा कौन कर सकता है।

रीजीजू ने कहा था कि जो नियम और परंपरा के अनुकूल नहीं है, उस पर चर्चा नहीं की जा सकती।

लोकसभा में विचार और पारित होने के लिए सूचीबद्ध एक अन्य विधेयक राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक है।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles