नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) निर्वाचन आयोग ने रविवार को कहा कि बिहार में किसी भी राजनीतिक दल ने एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में नाम शामिल करने या हटाने के लिए अब तक उससे संपर्क नहीं किया है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि एक अगस्त को अपराह्न तीन बजे से तीन अगस्त (रविवार) को अपराह्न तीन बजे तक दावे और आपत्तियों के तहत कोई मांग प्राप्त नहीं हुई है।
हालांकि व्यक्तिगत रूप से, मतदाताओं से मतदाता सूची में नाम शामिल करने या अपात्र लोगों के नाम हटाने के लिए 941 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।
राजनीतिक दलों और मतदाताओं के पास मतदाता सूची में नाम शामिल करने या हटाने की मांग करने के लिए एक सितंबर तक एक महीने का समय है।
बिहार में मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के कारण करोड़ों पात्र लोगों को दस्तावेजों के अभाव में मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि वह यह सुनिश्चित कर रहा है कि 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम मतदाता सूची से कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित नहीं रहे।
भाषा अमित रंजन
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