लंदन, तीन अगस्त (भाषा) हैरी ब्रुक की 98 गेंद में 111 रन और जो रूट की 135 गेंद में नाबाद 98 रन की पारी के बूते इंग्लैंड ने पांच मैचों की श्रृंखला के आखिरी टेस्ट के चौथे दिन भारत के खिलाफ ओवल मैदान में जीत के लिए रिकॉर्ड 374 रन का पीछा करते हुए चार विकेट पर 317 रन बना लिये।
श्रृंखला में 2-1 से आगे इंग्लैंड को जीत के लिए और 57 रन की जरूरत है जबकि उसके छह विकेट बचे हैं।
ब्रुक ने प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर मोहम्मद सिराज से 19 रन पर मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए 98 गेंद की पारी में 14 चौके और दो छक्के लगा कर श्रृंखला का अपना दूसर शतक पूरा किया। उन्होंने रूट के साथ चौथे विकेट के लिए 211 गेंद में 195 रन की साझेदारी कर मैच को भारत की पकड़ से लगभग दूर कर दिया है।
इस साझेदारी को आकाशदीप ने ब्रुक को सिराज के हाथों कैच कराकर तोड़ा।
दिन के दूसरे सत्र में भारत के तीनो तेज गेंदबाजों पर थकान का असर दिखा जो गेंद की चमक खोने के बाद पिच से ज्यादा मदद लेने में नाकाम रहे। वाशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा की स्पिन गेंदबाजी भी असरहीन दिखी। उन्हें हालांकि ज्यादा गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला।
भारत को नयी गेंद के लिए अभी 14 ओवर इंतजार करना होगा और अगर इंग्लैंड के बल्लेबाज इतने ओवरों तक क्रीज पर डटे रहे तो मैच का परिणाम लगभग तय हो गया होगा।
भारतीय तेज गेंदबाजों ने रूट और ब्रुक के खिलाफ शॉट गेंद डालने की रणनीति अपनाई लेकिन गेंद पुरानी होने के कारण बल्लेबाजों को उससे सामंजस्य बिठाने में कोई परेशानी नहीं हुई।
ब्रुक ने शतक पूरा करने के बाद आकाशदीप की गेंद पर कवर क्षेत्र में जब शानदार चौका जड़ा तो मैदान पर भारतीय क्षेत्ररक्षकों की हताशा और बढ़ गयी। वह हालांकि दो गेंद के बाद एक और आक्रामक शॉट खेलने की कोशिश में कवर क्षेत्र में सिराज द्वारा लपके गये। शॉट खेलने के साथ ही बल्ला उनके हाथ् से छूट गया और वह शॉट पर नियंत्रण नहीं बना सके।
ब्रुक ने अपनी पारी के दौरान जहां ताकत का इस्तेमाल किया वहीं रूट ने बिना किसी परेशानी के कलात्मक शॉट से रन बटोरे।
उन्होंने सिराज के खिलाफ दो शानदार चौके जड़कर अपने स्कोर को 98 रन तक पहुंचाया।
इससे पहले दिन की शुरुआती सत्र में सिराज ने आठ ओवर के शानदार स्पैल में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया।
इंग्लैंड ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 50 रन पर से आगे से की ।
मैच तीसरे दिन के आखिरी ओवर में जैक क्रॉली को आउट करने के बाद सिराज ने चौथे दिन आकाशदीप के साथ गेंदबाजी की शुरुआत की। उन्होंने गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करने की जिम्मेदारी उठाते हुए एक और शानदार स्पैल डाला। उन्होंने इस दौरान बेन डकेट और ओली पोप को कई बार परेशान किया।
टीम को हालांकि दिन की पहली सफलता कृष्णा ने बेन डकेट (54) को आउट कर दिलाई। डकेट बाहर निकलती गेंद को ड्राइव करने की कोशिश की लेकिन गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए दूसरे स्लीप में खड़े लोकेश राहुल के हाथों में चली गयी।
इसके तुरंत बाद सिराज को भी शानदार गेंदबाजी का फल मिला। उन्होंने मैच में पोप (27) को दूसरी बार पगबाधा कर भारत को बड़ी सफलता दिलाई। पोप ने इस ओवर से पहले ही कृष्णा के खिलाफ तीन चौके लगाकर लय हासिल की थी।
रूट ने सिराज के खिलाफ दो शानदार कवर ड्राइव लगा कर दबाव कम किया।
आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे ब्रुक को इस दौरान जीवनदान भी मिला जब प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर कैच पकड़ने के बाद मोहम्मद सिराज का पैर बाउंड्री लाइन से टकरा गया और यह छह रन में बदल गया।
ब्रुक ने इससे पहले आकाशदीप के खिलाफ अपनी पारी का पहला छक्का जड़ा था। जीवनदान मिलने के बाद उन्होंने कृष्णा के खिलाफ दो बेहतरीन चौके जड़े।
इस मैच से पहले ओवल में चौथी पारी में सबसे सफलतापूर्वक सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम ही है, जिसने 1902 में 263 रन का लक्ष्य हासिल किया था।
भाषा आनन्द नमिता
नमिता