29.7 C
Jaipur
Monday, August 11, 2025

किसानों की अपील – मानसून न आया तो क्षेत्र को सूखा घोषित किया जाए

Newsकिसानों की अपील – मानसून न आया तो क्षेत्र को सूखा घोषित किया जाए

पश्चिमी राजस्थान में इस बार मानसून की बेरुखी ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सांचौर, चितलवाना और बागोड़ा जैसे क्षेत्रों में लंबे समय से ढंग की बारिश नहीं हुई, जिससे खेतों में खड़ी फसलें सूखने लगी हैं और किसानों की मेहनत बर्बादी के कगार पर पहुंच गई है।

सावन भी सूखा निकल गया, बादलों ने मुंह मोड़ा

सावन के महीने में किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे रहते हैं, लेकिन इस बार सावन भी सूखा ही बीता। जुलाई की शुरुआत में हुई मामूली बारिश के बाद किसानों ने जैसे-तैसे बीज बो दिए थे, लेकिन उसके बाद से बादलों ने जैसे इन इलाकों से मुंह ही मोड़ लिया हो।

अब बाजरा, मोठ, ग्वार, मूंग, तिल जैसी फसलें मुरझाने लगी हैं। यहां तक कि चरागाहों की हरियाली भी गायब होने लगी है, जिससे पशुओं के चारे का संकट भी गहराने की आशंका है।

सुबह खेत जाते हैं, शाम को मायूस लौटते हैं

स्थानीय किसान रामाराम ने बताया, बारिश का इंतजार करते-करते अब फसलें सूखने लगी हैं। हर सुबह खेत जाकर देखते हैं, लेकिन अब सिर्फ निराशा हाथ लगती है।

एक अन्य किसान ने कहा कि बारिश आधारित खेती पश्चिमी राजस्थान की रीढ़ है। यदि समय पर मानसून नहीं आता, तो बीज, मेहनत और खर्च—all डूब जाता है।

सरकार से राहत की मांग

किसानों ने राज्य सरकार से अपील की है कि यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो उन्हें सूखा घोषित कर मुआवजा दिया जाए। साथ ही, पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था और पीने के पानी के संकट को ध्यान में रखते हुए आपात राहत योजनाएं जल्द शुरू की जाएं।

कृषि वैज्ञानिकों की चेतावनी

स्थानीय कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अगले 5–7 दिनों में अच्छी बारिश नहीं होती, तो खरीफ सीजन की अधिकांश फसलें पूरी तरह खराब हो सकती हैं, जिससे आर्थिक संकट और ग्रामीण पलायन जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं।

यह भी पढ़ेंः- 1 जुलाई को हुआ था अपहरण, अब तक नहीं मिली कोई ठोस जानकारी

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles