नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने “भारत को कमजोर करने और चीन को मजबूत करने” की कसम खा रखी है।
राहुल को “चीन गुरु” करार देते हुए भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी भारतीय सशस्त्र बलों से नफरत करते हैं तथा विदेशी ताकतें उन्हें “रिमोट कंट्रोल” से संचालित कर रही हैं।
भाजपा का यह बयान सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा राहुल से नाखुशी जताए जाने के बाद आया है।
शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सेना के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर लखनऊ की एक अदालत में राहुल के खिलाफ जारी कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी।
हालांकि, न्यायालय ने लोकसभा में विपक्ष के नेता से नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगर वह सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कहेंगे।
शीर्ष अदालत की टिप्पणियों का हवाला देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि राहुल लगातार “बचकानी, गैर-जिम्मेदार और भारत विरोधी टिप्पणियां” करते आए हैं, जबकि अतीत में विभिन्न अदालतों ने ऐसी टिप्पणियों के लिए उनसे नाखुशी जाहिर की है।
भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आज जब उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी आई है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ने निश्चित रूप से भारत को कमजोर करने और चीन को मजबूत करने की कसम खा रखी है।”
सोनिया गांधी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मौजूदगी में राहुल के किसी दस्तावेज पर कथित तौर पर दस्तखत करने की तस्वीर दिखाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ पार्टी-से-पार्टी के स्तर पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, “इसलिए राहुल गांधी कह रहे हैं कि चीनी सैनिकों ने हमारे सैनिकों को पीटा, चाहे डोकालाम में हो या गलवान घाटी में, जबकि हर भारतीय भारत और उसके बहादुर सैनिकों के साथ खड़ा है।”
भाटिया ने कहा कि वे भारत के लोगों को कभी नहीं बताते कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कांग्रेस के पार्टी-से-पार्टी समझौता ज्ञापन में क्या था।
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि राहुल गांधी की रगों में चीन और पाकिस्तान के लिए प्रेम है, लेकिन भारत के लिए कोई प्रेम नहीं है।”
भाजपा प्रवक्ता ने शीर्ष अदालत की टिप्पणियों को “बहुत गंभीर” बताया और कहा कि इसके साथ ही राहुल की विश्वसनीयता “शून्य” हो गई है।
उन्होंने सवाल किया, “क्या भारत एक ज्यादा जिम्मेदार और बेहतर विपक्ष के नेता (एलओपी) का हकदार है? विपक्ष के नेता के रूप में, जिन्होंने हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए संविधान के तहत शपथ ली है, क्या वे हमारे देश की संप्रभुता को नष्ट कर रहे हैं? क्या वह उन देशों की मदद कर रहे हैं, जो हमारे देश के दुश्मन हैं? क्या वह भारत के बहादुर सशस्त्र बलों का मनोबल गिरा रहे हैं?”
भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी की विश्वसनीयता “दांव पर है।”
वहीं, भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर ‘चीन गुरु’ राहुल गांधी को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के संबंध में गैर-जिम्मेदाराना बयान देने के लिए फटकार लगाई है।”
उन्होंने लिखा, “जरा सोचिए, विपक्ष के नेता की इस तरह की लापरवाही भरी टिप्पणियों को लेकर बार-बार आलोचना की जा रही है।”
मालवीय ने कांग्रेस नेता की हालिया “मृत अर्थव्यवस्था” वाली टिप्पणी को लेकर भी उन पर निशाना साधा और इसे “कई मोर्चों पर कूटनीतिक तबाही” करार दिया।
उन्होंने कहा, “उनका हालिया ‘मृत अर्थव्यवस्था’ वाला कटाक्ष (ऐसी टिप्पणियों की) एक लंबी शृंखला की नवीनतम कड़ी है। ऐसा करते हुए उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि रूस, जो हमारा पुराना सहयोगी है, संघर्ष कर रहा है, जबकि उन्होंने पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश का समर्थन करते हुए उसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की आलोचना किए जाने के बाद राहुल ने एक अगस्त को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को छोड़कर सभी जानते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था “मृत” हो चुकी है।
सर्जिकल स्ट्राइक और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में राहुल की टिप्पणी का जिक्र करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी भारतीय सशस्त्र बलों से “नफरत” करते हैं।
पूनावाला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “सेना का अपमान कांग्रेस की पहचान। राहुल और कांग्रेस भारतीय सशस्त्र बलों से नफरत करते हैं। आज उच्चतम न्यायालय ने उनकी आलोचना की।”
भाजपा के एक अन्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि राहुल के दावे के बारे में उच्चतम न्यायालय की ओर से उनसे पूछे गए सवाल ने उनकी पोल खोल दी है।
भंडारी ने कहा, “शीर्ष अदालत ने राहुल से पूछा कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने जमीन पर कब्जा कर लिया है?”
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस सवाल ने न केवल राहुल को “बेनकाब” किया है, बल्कि “चीन के साथ गांधी-वाड्रा परिवार के गुप्त समझौता ज्ञापन” की ओर भी ध्यान खींचा है।
भंडारी ने आरोप लगाया, “राहुल विदेशी ताकतों के रिमोट कंट्रोल के तहत काम कर रहे हैं।”
भाषा पारुल नरेश
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