मुंबई, चार अगस्त (भाषा) जेएसडब्ल्यू समूह के उत्तराधिकारी पार्थ जिंदल ने सोमवार को कहा कि केवल मुट्ठी भर कंपनियां ही भारत में निवेश कर रही हैं। उन्होंने निजी पूंजीगत व्यय के मामले में ‘लोकतांत्रिकीकरण’ की जरूरत पर जोर दिया।
मुंबई स्थित यह समूह सीमेंट, इस्पात, बंदरगाह और खेल क्षेत्र में है।
सज्जन जिंदल के 35 वर्षीय बेटे पार्थ ने यहां संवाददाताओं को बताया कि समूह भारत की वृद्धि क्षमता में विश्वास करता है और अगले पांच वर्षों में 50 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगा।
करीब 49 अरब अमेरिकी डॉलर के समूह की सीमेंट और पेंट शाखा के प्रबंध निदेशक जिंदल ने यहां कहा, ”आज भारत में निवेश करने वाले मुट्ठी भर समूह हैं। हमें इसे और अधिक लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता है। हमें निवेश के लिए और अधिक एमएसएमई की जरूरत है। हमें सभी के द्वारा निवेश की आवश्यकता है।”
जिंदल ने कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह अपने विभिन्न व्यवसायों में निवेश कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पिता सज्जन जिंदल – जो समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हैं – ने पांच वर्षों में 60 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की है, जबकि समूह के अधिकारी इसे 40 अरब अमेरिकी डॉलर मान रहे हैं और उन्हें खुद लगता है कि यह 50 अरब अमेरिकी डॉलर होगा।
जिंदल परिवार के उत्तराधिकारी ने कहा, ”हमारा मानना है कि भारत में अविश्वसनीय संभावनाएं हैं। भारत से निर्यात की भी अविश्वसनीय संभावनाएं हैं। और वास्तव में ‘चीन प्लस वन’ की रणनीति भी साकार हो सकती है।”
जिंदल ने कहा कि अन्य निजी कंपनियों ने क्षमता वृद्धि में निवेश करने के बजाय ऋण चुकाने का विकल्प चुना है।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि निजी कंपनियों के बहीखाते मजबूत हैं, लेकिन वे निवेश नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भी इस बात को लेकर परेशान है, क्योंकि अर्थव्यवस्था की नींव बहुत मजबूत है।
भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, जिंदल ने भूमि अधिग्रहण और श्रम कानूनों से जुड़ी चुनौतियों की ओर इशारा किया, जो निवेश में बाधक हैं।
उन्होंने कहा कि समूह अगले दो वर्षों में अपनी ई-कॉमर्स शाखा जेएसडब्ल्यू वन या जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स को सूचीबद्ध करेगा।
उन्होंने कहा कि जेएसडब्ल्यू समूह के पास अदाणी और बिड़ला जैसी ताकतवर कंपनियों के साथ मुकाबला करते हुए सीमेंट संपत्तियां हासिल करने की ‘औकात’ या वित्तीय ताकत नहीं है, और वह अपने पोर्टफोलियो को खुद ही बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
पार्थ जिंदल आईपीओ की तैयारी कर रही जेएसडब्ल्यू सीमेंट के प्रबंध निदेशक भी हैं। उन्होंने कहा कि स्थापित प्रतिस्पर्धियों के बहीखाते बहुत मजबूत है, उन पर कर्ज बहुत कम या बिल्कुल नहीं है और उनके पास ढेर सारा पैसा है।
उन्होंने कहा, ”अगर अल्ट्राटेक, अदाणी, डालमिया या श्री कुछ हासिल करना चाहे, तो वे जेएसडब्ल्यू सीमेंट को आसानी से मात दे सकते हैं। मैं कहूंगा कि अभी हमारे पास किसी भी अधिग्रहण में उन्हें चुनौती देने की ‘औकात’ नहीं है।”
पार्थ ने स्पष्ट किया कि वह अधिग्रहण के लिए अपने पिता और समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल के पास नहीं जाना चाहते है और इसलिए जेएसडब्ल्यू सीमेंट किसी भी तरह की बोली प्रक्रिया में नहीं पड़ना चाहती।
भाषा पाण्डेय रमण
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