नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठों को देशभर में सक्रिय करने के लिए सरकार से समयबद्ध दृष्टिकोण अपनाने और राज्यों के साथ सक्रिय समन्वय स्थापित करने का सुझाव दिया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित विवादों के निपटान के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण एक महत्वपूर्ण संस्था है। देशभर में इसकी पीठों के गठन से उच्च न्यायालयों पर भार को कम करने में भी मदद करेगी।
सरकार नयी दिल्ली में इसकी प्रधान पीठ और देशभर में 31 राज्य पीठों के गठन के लिए अधिसूचना जारी कर चुकी है।
पिछले वर्ष मई में सरकार ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके सदस्यों की नियुक्ति तलाश-सह-चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जानी है।
वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जताई है कि कई राज्यों से अपीलीय न्यायाधिकरण की पीठों के लिए अब तक तकनीकी सदस्यों (राज्य) की सिफारिशें नहीं आई हैं।
अभी तक केवल उत्तर प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र/गोवा से ही सिफारिशें प्राप्त हुई हैं।
भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली समिति ने इस रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी विवादों का समय पर निपटारा न होने से उच्च न्यायालयों में मुकदमों का बोझ बढ़ रहा है और करदाताओं को समय पर राहत नहीं मिल पा रही है।
संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय से इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा करने की मांग की है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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