नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) बैंकों ने मुद्रा योजना की ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत 34,697 लेनदारों के लिए 4,930 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण स्वीकृत किए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां मंगलवार को राज्यसभा में दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत सफल उधारकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वित्त वर्ष 2024-25 में ‘तरुण प्लस’ श्रेणी की शुरुआत की गई। यह श्रेणी उन उधारकर्ताओं के लिए है, जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के तहत लिए गए ऋण का समय पर पुनर्भुगतान किया है।
सीतारमण ने कहा कि ‘तरुण प्लस’ के तहत अधिकतम ₹20 लाख रुपये तक के गारंटी-मुक्त ऋण प्रदान किए जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री ने बताया, “पीएमएमवाई दिशा-निर्देशों के अनुसार, जून 2025 तक ‘तरुण प्लस’ श्रेणी के तहत 34,697 ऋण खातों को कुल ₹4,930 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है।”
उन्होंने यह भी बताया कि बैंक अपनी शाखा नेटवर्क के माध्यम से मुद्रा उधारकर्ताओं तक सक्रिय रूप से पहुंच बना रहे हैं और ऋण स्वीकृति के बाद इकाइयों की प्रगति की निगरानी भी कर रहे हैं, जिसमें स्टॉक विवरण, खाता लेनदेन, क्रेडिट सीमा का नवीनीकरण आदि शामिल हैं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सीतारमण ने कहा कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन (एनएमएफआई) के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) को अगस्त 2014 में शुरू किया गया था।
उन्होंने कहा कि सरकार की वित्तीय समावेशन पहलों को गति देने के लिए 14 अगस्त, 2018 के बाद योजना को और आकर्षक बनाकर विस्तारित किया गया।
वित्त मंत्री ने बताया कि बैंक ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नियमित रूप से वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित करते हैं, ताकि लोगों को रुपे डेबिट कार्ड, डीबीटी निकासी और डिजिटल भुगतान के सुरक्षित तरीकों के बारे में जागरूक किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बिजनेस करेस्पोंडेंट्स (बीसी) को माइक्रो-एटीएम के जरिए रुपये कार्ड के उपयोग में ग्राहकों की सहायता के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
बैंक ग्राहकों को एसएमएस/ईमेल के माध्यम से समय-समय पर प्रोत्साहित करते हैं कि वे अपने रुपे कार्ड का उपयोग पीओएस और ई-कॉमर्स चैनलों पर करें।
सीतारमण ने बताया कि पीएमजेडीवाई के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक समीक्षा तंत्र भी मौजूद है, जो बैंकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ नियमित समीक्षा करता है।
भाषा मनीषा माधव
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