मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि शहर में कबूतरखानों को अचानक बंद करना उचित नहीं है और उन्होंने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से पक्षियों को नियंत्रित तरीके से दाना दिया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री का यह बयान स्वास्थ्य संबंधी खतरों को देखते हुए मुंबई में पारंपरिक कबूतरखानों को बंद करने की बढ़ती मांग के बीच आया है।
मुंबई में कबूतरखानों के मुद्दे पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए फडणवीस ने पक्षी जीवन की रक्षा, पर्यावरण की सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के महत्व का हवाला देते हुए सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि कबूतरों को दाना डालने वाले क्षेत्रों के संबंध में लिए गए किसी भी निर्णय के साथ पक्षियों की भुखमरी को रोकने के लिए वैकल्पिक और सहानुभूतिपूर्ण समाधान भी शामिल किए जाने चाहिए।
बीएमसी ने मंगलवार को कहा कि उसने 13 जुलाई से तीन अगस्त के बीच शहर भर के विभिन्न कबूतरखानों में कबूतरों को दाना डालने वाले 142 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की और उसने 68,700 रुपये का जुर्माना वसूला है।
मुख्यमंत्री ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘कबूतरों की जान बचाना, पर्यावरण की रक्षा करना और नागरिकों का स्वास्थ्य सुरक्षित रखना – ये तीनों ही महत्वपूर्ण हैं। जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक बीएमसी को कबूतरों को नियमित दाने की आपूर्ति करना जारी रखना होगा।’’
उन्होंने एक औपचारिक नीति बनाए जाने के निर्देश दिए जिसमें यह निर्दिष्ट किया जाए कि स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचने के लिए कब और कहां कबूतरों को नियमित रूप से दाना दिया जा सकता है। उन्होंने कबूतरों के अपशिष्ट के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों तथा सफाई और निपटान के लिए तकनीकी समाधान खोजने सहित इसके उचित प्रबंधन पर, विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ एक वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया।
फडणवीस ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से भी चर्चा की है।
कबूतरखानों के मुद्दे को लेकर दायर रिट याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है।
भाषा यासिर नरेश
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