हैदराबाद, पांच अगस्त (भाषा) मादक पदार्थ की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बनायी गयी ‘एलीट एक्शन ग्रुप फॉर ड्रग लॉ एनफोर्समेंट’ (ईगल) ने मंगलवार को कहा कि उसने एक बड़े अंतरराज्यीय गांजा तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है और 4.2 करोड़ रुपये मूल्य का 847 किलोग्राम गांजा जब्त किया है। साथ ही ओडिशा के दो आदतन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधीक्षक (ईगल) चौधरी रूपेश ने बताया कि यह अभियान 2025 की सबसे बड़ी और सबसे सटीक नशा विरोधी कार्रवाइयों में से एक है, जिसका लक्ष्य मलकानगिरी (ओडिशा) से तेलंगाना और कर्नाटक होते हुए उत्तर प्रदेश तक जाने वाली आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ना है।
विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर टीम ने चार अगस्त को यहां शमशाबाद रोड के पास एक पिकअप वाहन को रोका और वाहन से 847 किलोग्राम गांजा (411 पैकेट) जब्त किया और खिल्ला धना तथा राजेंद्र बी नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, रमेश सुकरी (फरार) मलकानगिरी से केंद्रीय समन्वयक के रूप में काम करता था और दोनों गिरफ्तार आरोपियों से उनके ग्रामीण नेटवर्क के माध्यम से जुड़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि उसका साथी जगदीश कुलदीप, दूरदराज के जंगली इलाकों में शिबो और बसु जैसे किसानों से भारी मात्रा में गांजा खरीदता था।
इसमें कहा गया है कि दस दिन पहले, गिरोह के मुख्य खरीददार उत्तर प्रदेश के शफीक ने व्यक्तिगत रूप से पिकअप वाहन रमेश को सौंप दिया था और निर्देश दिया था कि इसमें 800 किलोग्राम गांजा भरा जाए और शमशाबाद से इसे उत्तर प्रदेश पहुंचाया जाए।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस गिरोह का काम करने का अपना तरीका था। गांजा पहले खेतों से छोटी-छोटी खेपों में भरकर गांव के सुरक्षित बाहरी इलाकों में पहुंचाया जाता था, फिर गंध छिपाने के लिए भूरे रंग के टेप से लिपटे पैकेटों वाले बैगों में दोबारा पैक किया जाता था। वाहन चालक नाकेबंदी से बचने के लिए बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग और बाहरी रिंग रोड बाईपास का इस्तेमाल करते थे और जोखिम को कम करने के लिए शहर के बाहरी इलाकों में गांजा सौंपने की व्यवस्था की जाती थी।
भाषा गोला नरेश
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