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Sunday, August 10, 2025

कर्नाटक सरकार कार्यबल पर एआई के प्रभाव के आकलन के लिए करा रही सर्वेक्षणः मंत्री

Newsकर्नाटक सरकार कार्यबल पर एआई के प्रभाव के आकलन के लिए करा रही सर्वेक्षणः मंत्री

बेंगलुरु, पांच अगस्त (भाषा) कर्नाटक सरकार कार्यबल पर कृत्रिम मेधा (एआई) के पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रही है और यह सर्वेक्षण अगले एक महीने में पूरा हो जाने की उम्मीद है।

कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री प्रियांक खरगे ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने इस साल 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला लिया है। वैश्विक आर्थिक सुस्ती और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से जूझ रहे आईटी क्षेत्र के लिए यह झटका और बड़ा माना जा रहा है।

खरगे ने ‘एसएपी लैब्स इंडिया’ के एक कार्यक्रम में पीटीआई-भाषा से कहा, “हम कंपनियों से इस बारे में बात कर रहे हैं कि मानव संसाधन या प्रतिभा को सबसे अधिक रोजगारोन्मुख किस तरह बनाया जा सकता है। हम कार्यबल पर एआई के प्रभाव को लेकर कंपनियों के साथ मिलकर एक सर्वेक्षण करवा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि कार्यबल पर एआई के प्रभाव का आकलन करने की प्रक्रिया करीब एक महीने में पूरी हो जाएगी।

टीसीएस में छंटनी को लेकर कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ की तरफ से की गई कार्रवाई की मांग पर खरगे ने कहा कि राज्य आईटी क्षेत्र में कर्मचारी संगठनों को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देता है।

हालांकि, खरगे ने इसके साथ ही कहा कि जनता और कर्मचारियों की तरफ से चिंता जताए जाने पर सरकार उस पर ध्यान देगी और अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।

आईटी एवं आईटीईएस कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि टीसीएस का इतने बड़े पैमाने पर छंटनी का कदम कर्मचारी अधिकारों का उल्लंघन है और इससे हजारों परिवारों की आजीविका पर संकट आ सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

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