नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि बिहार मतदाता सूची का मसौदा एक अगस्त को प्रकाशित होने के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने उसमें नाम शामिल करने या हटाने के लिए उससे संपर्क नहीं किया है।
आयोग के मुताबिक मसौदा सूची एक सितंबर तक दावों और आपत्तियों के लिए उपलब्ध रहेगी। इस दौरान राजनीतिक दल और व्यक्ति छूटे हुए पात्र नागरिकों को शामिल करने और उन लोगों को बाहर करने की मांग कर सकते हैं, जिन्हें वे अयोग्य मानते हैं।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि एक अगस्त को अपराह्न तीन बजे से पांच अगस्त (मंगलवार) को अपराह्न तीन बजे के बीच, दलों द्वारा नियुक्त किसी भी बूथ स्तरीय एजेंट ने दावे और आपत्ति प्रक्रिया में निर्वाचन अधिकारियों से संपर्क नहीं किया है।
निर्वाचन प्राधिकार के एक अधिकारी ने रेखांकित किया, ‘‘निर्वाचन आयोग बार-बार कह रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटना नहीं चाहिए और कोई भी अपात्र मतदाता जुड़ना नहीं चाहिए। एक अगस्त को जारी होने वाली मसौदा मतदाता सूची में अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कराएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने एक भी दावा या आपत्ति नहीं दी है।’’
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक अब तक 2864 व्यक्तियों ने नाम शामिल करने या हटाने के लिए संपर्क किया है।
मसौदा मतदाता सूची निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार की मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण का हिस्सा है, जिसका विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है। विपक्षी दलों का दावा है कि इस प्रक्रिया के कारण करोड़ों पात्र नागरिक दस्तावेजों के अभाव में अपने मताधिकार से वंचित हो जाएंगे।
बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।
भाषा धीरज अविनाश
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