नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय और एक कॉलेज से तब जवाब मांगा जब एक छात्रा ने एक याचिका में दावा किया कि शिक्षक और उसके संस्थान की लापरवाही के कारण उसे और उसकी पूरी कक्षा को परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया।
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने छात्रा की याचिका पर दिल्ली विश्वविद्यालय और भगिनी निवेदिता कॉलेज को नोटिस जारी करके जवाब मांगा।
कॉलेज की बीए अंतिम वर्ष की एक छात्रा ने याचिका दायर की है। छात्रा ने दावा किया है कि शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के छठे सेमेस्टर के परिणाम में ‘भारत में दिव्यांग बच्चे’ विषय की व्यावहारिक परीक्षा में उसे ‘मनमाने और अन्यायपूर्ण तरीके से’ ‘एफ’ ग्रेड दिया गया है।
याचिकाकर्ता ने लिखित, आंतरिक मूल्यांकन और बाह्य व्यावहारिक परीक्षा में उपस्थित होने का दावा किया, जिसमें व्यावहारिक फाइल मूल्यांकन, मौखिक परीक्षा और लिखित परीक्षा शामिल है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने लिखित और आंतरिक व्यावहारिक दोनों में अच्छे अंक प्राप्त किए, लेकिन संबंधित शिक्षक और कॉलेज प्रशासन की ‘लापरवाही और कुप्रबंधन’ के कारण बाह्य व्यावहारिक परीक्षा के अंक विश्वविद्यालय पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए।
वकील आशु बिधूड़ी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘परिणामस्वरूप, याचिकाकर्ता सहित पूरी कक्षा को उक्त विषय के व्यावहारिक भाग में अनुचित रूप से ‘अनुत्तीर्ण’ घोषित कर दिया गया। कॉलेज और विश्वविद्यालय के अधिकारियों को ईमेल और अन्य तरीकों से बार-बार शिकायत करने के बावजूद, आज तक कोई सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।’’
याचिका में कहा गया है कि संबंधित शिक्षक और कॉलेज प्रशासन गलती को ठीक करने के बजाय एक-दूसरे पर दोष मढ़ने में लगे हुए हैं, जिससे याचिकाकर्ता और इसी तरह से प्रभावित अन्य छात्रों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।
याचिका में कहा गया है कि त्रुटिपूर्ण परिणाम से छात्रा के समग्र सीजीपीए (क्यूमोलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज) और शैक्षणिक रिकॉर्ड पर सीधा असर पड़ा है। उसने कहा कि इससे उसकी पात्रता और उच्च शिक्षा, यूजीसी-नेट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं और पीएचडी प्रवेश सहित भविष्य की शैक्षणिक गतिविधियों की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जहां शैक्षणिक ग्रेड एक महत्वपूर्ण कारक हैं।
छात्रा ने अदालत से प्राधिकारियों को व्यावहारिक परीक्षा में प्राप्त वास्तविक अंकों को शामिल करने तथा संशोधित अंकपत्र में संबंधित विषय में ‘उत्तीर्ण’ का उल्लेख करने का निर्देश देने का आग्रह किया।
भाषा अमित सुरेश
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