नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने मंगलवार को कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. के अधिग्रहण के लिए डालमिया भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कंपनी दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत है।
दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के प्रावधानों के तहत, बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए समाधान योजना प्रस्तुत करने को लेकर प्रतिस्पर्धा नियामक से मंजूरी एक प्रमुख आवश्यकता है।
डालमिया भारत के अलावा, कई अन्य कंपनियों ने भी कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेएएल) के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। कंपनी सीमेंट से लेकर रियल एस्टेट, होटल, उर्वरक संयंत्र तक का संचालन करती है।
उद्योगपति गौतम अदाणी के नेतृत्व वाली अदाणी एंटरप्राइजेज, वेदांता समूह, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक जैसी कंपनियों ने भी ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के समक्ष अपनी-अपनी समाधान योजना प्रस्तुत करने की अनुमति को लेकर प्रतिस्पर्धा आयोग से संपर्क किया है।
उच्चतम न्यायालय के एक निर्देश के अनुसार, प्रतिस्पर्धा अधिनियम के तहत किसी भी पात्र समाधान योजना पर कर्जदाताओं की समिति के मतदान करने से पहले प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी लेना अनिवार्य है।
डालमिया सीमेंट (भारत) लि., डालमिया भारत लि. (डीबीएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है। डालमिया भारत लि., डालमिया भारत समूह की प्रमुख कंपनी है।
डीबीएल मुख्य रूप से सीमेंट के निर्माण और बिक्री के कारोबार से जुड़ी है।
सीसीआई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आयोग ने डालमिया सीमेंट (भारत) लि. द्वारा जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है।’’
इसी प्रक्रिया के तहत अदाणी समूह ने भी सीसीआई के समक्ष एक आवेदन किया है।
जेएएल को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण, इलाहाबाद पीठ के तीन जून, 2024 के आदेश के तहत कंपनी ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया में लाया गया था। समूह के ऋणों के भुगतान में चूक के बाद इसे दिवाला कार्यवाही के अंतर्गत लाया गया।
कर्जदाताओं का कंपनी के ऊपर 57,185 करोड़ रुपये का दावा है।
भाषा रमण अजय
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