शिमला, छह अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भारी बारिश के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होने से किन्नौर कैलाश यात्रा पर गए दो तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। इस घटना के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि नदियों में तेज बहाव के कारण तंगलिप्पी और कंगारंग में दो अस्थायी पुल बह गए थे और यात्रा स्थगित होने के बाद फंसे कुल 1,196 श्रद्धालुओं को मंगलवार से पुलिस, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों द्वारा बचाया गया।
किन्नौर जिले के उपायुक्त अमित कुमार शर्मा ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इनमें से लगभग 230 लोगों को बिना किसी व्यवधान के पुरवानी के रास्ते वैकल्पिक कठिन मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि बाकी लोगों को नदियों के ऊपर ‘जिपलाइन’ (रस्सियों) के माध्यम से बचाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को 413 श्रद्धालुओं को बचाया गया जबकि बुधवार को 783 श्रद्धालुओं को बचाया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल से आए एक तीर्थयात्री, राजीव (45) का शव मंगलवार शाम पार्वती कुंड के पास मिला। वह एक समूह के साथ था, लेकिन पीछे छूट गया था और तलाशी अभियान के दौरान पुलिस टीम को मिला। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा।
जिला उपायुक्त के मुताबिक एक अन्य व्यक्ति वैकल्पिक मार्ग से यात्रा करते समय एक चट्टान से फिसलकर खाई में गिर गया था। उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद एनडीआरएफ की टीम ने शव को देखा है और उसे खाई से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने ‘एक्स’ पर बचाव कार्यों के वीडियो साझा किए जिनमें श्रद्धालु नदी के एक किनारे से दूसरे किनारे तक जिपलाइन के जरिए जाते देखे जा सकते हैं।
किन्नौर जिला प्रशासन को पैदल मार्ग पर फंसे तीर्थयात्रियों के बारे में एक आपात सूचना मिली। अधिकारियों ने बताया कि इसकी प्रतिक्रिया में आईटीबीपी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बचाव अभियान शुरू किया।
किन्नौर जिला प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर बारिश के कारण हुए भारी नुकसान के बाद किन्नौर कैलाश यात्रा स्थगित कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश पैदल मार्ग या तो खतरनाक रूप से फिसलन भरे हो गए हैं या भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए, किन्नौर कैलाश यात्रा को अगली सूचना तक अस्थायी रूप से स्थगित किया जा रहा है।
वर्तमान में मार्ग पर मौजूद तीर्थयात्रियों को मिलिंग खाटा और गुफा में सुरक्षित रूप से ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
किन्नौर कैलाश 19,850 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और इसे भगवान शिव का शीतकालीन निवास माना जाता है।
किन्नौर कैलाश यात्रा 15 जुलाई को शुरू हुई थी और 30 अगस्त को इसका समापन होगा।
भारी बारिश के कारण राज्य के अन्य भागों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जिसके कारण चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 537 सड़कें और शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिये गए हैं।
इस बीच, पौंग बांध में जल स्तर तेजी से बढ़ने के कारण भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने जलाशय के स्तर को नियंत्रित करने के लिए बुधवार शाम (5 बजे) टर्बाइनों और स्पिलवेज के माध्यम से 23,300 क्यूसेक पानी छोड़ा, जो दिन में पहले 1372.03 फीट तक पहुंच गया था।
बीबीएमबी अधिकारियों ने कांगड़ा के उपायुक्त, फतेहपुर, जवाली, इंदौरा, देहरा, नूरपुर के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) और अन्य संबंधित अधिकारियों को 24 घंटे पहले औपचारिक रूप से सतर्क कर दिया था।
छोड़े गए पानी के पंजाब के फतेहपुर, इंदौरा, रियाली, मांड और होशियारपुर के कुछ हिस्सों से होकर बहने की उम्मीद है, जहां पहले भी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है।
फतेहपुर के एसडीएम विश्रुत भारती ने बताया कि संवेदनशील इलाकों को सूचित कर दिया गया है और प्रशासन पूरी तरह तैयार है। निवासियों, खासकर निचले इलाकों में रहने वालों से सतर्क रहने, नदी के किनारे जाने से बचने और सुरक्षा संबंधी सलाह का पालन करने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने कहा कि पंचायत अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे सूचना प्रसारित करने में सहायता करें तथा आवश्यकता पड़ने पर राहत प्रयासों में सहयोग करें।
राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रही।
भारत मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मंगलवार रात से कसौली में 145 मिलीमीटर, धर्मपुर में 122.8 मिलीमीटर, गोहर में 120 मिलीमीटर, मलरांव में 103.2 मिलीमीटर, बग्गी में 95.9 मिलीमीटर, नगरोटा सूरियां में 93.4 मिलीमीटर, नैना देवी में 86.4 मिलीमीटर, सुंदरनगर में 80.3 मिलीमीटर, कांगड़ा में 71.4 मिलीमीटर, बिलासपुर में 70.4 मिलीमीटर, धौलाकुआं में 67 मिलीमीटर, मंडी में 65.8 मिलीमीटर, शिमला में 64.4 मिलीमीटर और धर्मशाला में 64 मिलीमीटर बारिश हुई। राज्य आपात परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बुधवार को चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 537 सड़कें बंद कर दी गईं। इनमें से 316 सड़कें मंडी ज़िले में हैं, जो हाल ही में बादल फटने, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित हुआ था जबकि 117 सड़के कुल्लू ज़िले में हैं।
भाषा धीरज देवेंद्र
देवेंद्र