29.7 C
Jaipur
Monday, August 11, 2025

बेहतर फिटनेस, घटे हुए वजन और रफ्तार के साथ एशिया कप के लिये तैयार मनप्रीत

Newsबेहतर फिटनेस, घटे हुए वजन और रफ्तार के साथ एशिया कप के लिये तैयार मनप्रीत

(मोना पार्थसारथी)

नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) चौदह साल से अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेल रहे मनप्रीत सिंह ने पिछले एक साल में फिटनेस के लिये कड़ी मेहनत की। मीठा और जंक फूड खाना लगभग बंद कर दिया ताकि इस महीने के आखिर में हो रहे एशिया कप से लेकर अगले साल एशियाई खेलों तक टीम को अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें ।

भारत के लिये दिलीप टिर्की (412) के बाद सबसे ज्यादा 402 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले मनप्रीत ने भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘‘पिछले साल पेरिस ओलंपिक और एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद से मुझे लगा कि अगर कैरियर को विस्तार देना है तो फिटनेस पर काम करना होगा ।’’

तोक्यो ओलंपिक 2020 में 41 साल बाद भारत को अपनी कप्तानी में कांस्य पदक दिलाने वाले 32 वर्ष के इस मिडफील्डर ने कहा ,‘‘ मैं 30 पार हो चुका हूं और अब टीम के युवा खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा के लिये उनके स्तर पर फिटनेस रखनी होगी । सिर्फ अनुभव से काम नहीं चलता ।’’

उन्होंने बताया कि किस तरह से उन्होंने अपने खानपान में बदलाव करके कई पसंदीदा चीजों को खाना लगभग बंद कर दिया ।

पंजाब के मीठापुर से निकलकर 2011 में 19 वर्ष की उम्र में भारत के लिये पदार्पण करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ मैने मीठा और जंक फूड लगभग बंद कर दिया है । हफ्ते में एक दिन ही ऐसा कुछ खाता हूं लेकिन बहुत कम मात्रा में । जिम के अलावा भी कोर वर्कआउट, स्पीड पर काम करना शुरू किया और सात किलो वजन कम कर लिया ।’’

उन्होंने बताया ,‘‘ कम वजन के साथ मैदान पर रफ्तार बेहतर हुई । योयो और स्पीड टेस्ट में भी बहुत अच्छे नतीजे मिले । मुझे खुद को बहुत अच्छा लग रहा है।’’

मनप्रीत फिलहाल लॉस एंजिलिस में 2028 में होने वाले ओलंपिक के बारे में नहीं सोच रहे और उन्होंने कहा कि वह एशियाई खेलों के बाद ही आगे के लिये फैसला लेंगे ।

उन्होंने कहा ,‘‘मेरा पहला लक्ष्य अगले साल होने वाले एशियाई खेल हैं और मैं जानता हूं कि मेरी फिटनेस उस स्तर की है । उसके बाद फिटनेस का आकलन करूंगा और अगर सही नहीं रही तो किसी दूसरे खिलाड़ी के लिये जगह खाली कर दूंगा । वैसे मैं क्रिस्टियानो रोनाल्डो को आदर्श मानता हूं जो 40 वर्ष की उम्र में भी इतना फिट है।’’

मनप्रीत ने यह भी कहा कि भारतीय टीम फिटनेस के मामले में आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, जर्मनी जैसी बड़ी टीमों से कमतर नहीं है और फर्क सिर्फ हाथ आये मौके भुनाने का है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ तोक्यो ओलंपिक से पहले ही टीम में बड़ी टीमों को हराने का आत्मविश्वास आ गया था । फिटनेस और कौशल के मामले में हम किसी से कम नहीं । फर्क सिर्फ रणनीति पर अमल का है और मैच के दिन जो अच्छा कर पाता है , वही जीतता है ।’’

तेज रफ्तार अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेलते हुए इतने लंबे कैरियर में कार्यभार प्रबंधन कैसे किया, यह पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ हमारे पास खिलाड़ियों का बड़ा पूल है और भारत ए टीम भी है । युवा खिलाड़ियों को भी मौके मिलते हैं और कार्यभार प्रबंधन का ध्यान रखा जाता है ।’’

उन्होंने कहा,‘‘ मेरी बात करूं तो मैं हर मैच खेलना चाहता हूं , देश के लिये खेलना गर्व की बात है और मैं इसका एक भी मौका नहीं खोना चाहता । मुझे पता है कि टूर्नामेंट के बाद कितनी और कैसी रिकवरी की जरूरत है और वह मैं करता रहता हूं ।’’

उन्हें पूरा यकीन है कि 29 अगस्त से बिहार के राजगीर में होने वाले एशिया कप के जरिये भारतीय टीम अगले साल के विश्व कप के लिये क्वालीफाई करेगी और इस बार प्रदर्शन बेहतर रहेगा ।

भारत ने अब तक एकमात्र विश्व कप 1975 में जीता है और पिछली बार 2023 में भुवनेश्वर और राउरकेला में हुए टूर्नामेंट में मेजबान टीम नौवे स्थान पर रही थी ।

मनप्रीत ने कहा ,‘‘पहले बोलते थे कि ओलंपिक में हम अच्छा नहीं खेल पाते लेकिन तोक्यो में हमने 41 साल बाद पदक जीता और पेरिस में दोहराया । हमें यकीन है कि हम विश्व कप में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ बड़े टूर्नामेंट के नॉकआउट चरण में मौके भुनाना बहुत अहम है । पिछले विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में हमने चूक की जो भारी पड़ी लेकिन हमने अपना सबक सीख लिया ।’’

एशिया कप में वह किसी भी टीम को कमतर नहीं आंकते और उनका मानना है कि भारत को अपनी ताकत पर फोकस रखकर खेलना होगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘ हर टीम विश्व कप क्वालीफिकेशन का लक्ष्य लेकर आ रही है और आधुनिक हॉकी में कुछ भी संभव है । ओलंपिक में दक्षिण अफ्रीका ने जर्मनी को हरा दिया था । हमें अपनी ताकत पर फोकस करना होगा , सामने कौन सी टीम है उस पर नहीं ।’’

एफआईएच प्रो लीग के यूरोप चरण में लगातार छह मैचों में मिली हार में कई मुकाबले करीबी थे और आखिरी मिनटों में गोल गंवाना भारी पड़ा और रक्षण पर अतिरिक्त मेहनत करना लाजमी था ।

मनप्रीत ने कहा ,‘‘ यूरोप दौरा इतना बुरा नहीं रहा और कई बराबरी के मुकाबले थे जिनमें आखिरी पलों में गोल गंवाये । शिविर में रक्षात्मक ढांचे पर काफी काम किया गया । अब बड़ी टीमों को आसान मौके नहीं देने हैं जिससे वे पेनल्टी कॉर्नर बना सके या गोल कर सकें ।’’

उन्होंने 15 अगस्त से शुरू हो रहे चार मैचों के आस्ट्रेलिया दौरे को अहम बताते हुए कहा कि इससे रणनीतियों और युवा खिलाड़ियों को आजमाने का मौका मिलेगा ।

उन्होंने कहा ,‘‘आस्ट्रेलिया विश्व कप के लिये पहले ही क्वालीफाई कर चुका है और कठिन प्रतिद्वंद्वी है । हम उसके खिलाफ खुद को और अपनी रणनीति को आंक सकते हैं कि कहां पर और ध्यान देना की जरूरत है । युवा खिलाड़ियों को आजमाने का मौका भी मिलेगा ।’’

भाषा मोना सुधीर

सुधीर

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles