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Monday, August 11, 2025

उप्र: पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड मामले में वांछित दो इनामी अभियुक्त मुठभेड़ में मारे गये

Newsउप्र: पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड मामले में वांछित दो इनामी अभियुक्त मुठभेड़ में मारे गये

सीतापुर (उप्र), सात अगस्त (भाषा) सीतापुर जिले में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के मामले में वांछित एक-एक लाख रुपये के इनामी दो अभियुक्त राज्य पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में मारे गये। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

पत्रकार बाजपेई की पत्नी ने इस मुठभेड़ पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए एक बार फिर मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की है।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) अमिताभ यश ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि छह और सात अगस्त की मध्यरात्रि को एसटीएफ की नोएडा इकाई और सीतापुर पुलिस की संयुक्त टीम की पिसावां थाना क्षेत्र में बदमाशों से मुठभेड़ हुई, जिसमें दो बदमाश गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए।

उन्होंने बताया कि उन्हें तत्काल पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें सीतापुर जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया और वहां उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई।

यश ने बताया कि मृत बदमाशों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान तथा संजय तिवारी उर्फ शिब्बू के रूप में हुई है और दोनों बदमाश सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के मामले में वांछित थे तथा दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।

सीतापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकुर अग्रवाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड मामले के वांछित दो अभियुक्त हरदोई-सीतापुर की सीमा से होकर गुजरने वाले हैं और इस पर पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम रवाना की गई।

उन्होंने बताया कि पिसावां थाना क्षेत्र में जब पुलिस जांच और घेराबंदी कर रही थी तभी एक मोटरसाइकिल पर सवार दो संदिग्ध आते दिखाई दिये और पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो रुकने के बजाय उन्होंने पुलिस पर गोलियां चलाईं।

अधिकारी के मुताबिक, जवाबी कार्रवाई में राजू तिवारी और संजय तिवारी को गोली लगी।

सीतापुर के महोली कोतवाली क्षेत्र के विकासनगर निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई (36) की इसी साल आठ मार्च को मोटरसाइकिल से सीतापुर जाते हुए रास्ते में लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर रेलवे ओवर ब्रिज हेमपुर के पास गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ में मारे गए दोनों बदमाशों का लंबा आपराधिक इतिहास है और दोनों पर हत्या, लूट और डकैती सहित 24 से अधिक मामले दर्ज थे।

राजू उर्फ रिजवान ने साल 2006 में लखीमपुर खीरी जिले में उप निरीक्षक परवेज अली की धारदार हथियारों से हत्या कर दी थी और उनके सरकारी रिवॉल्वर को लूट लिया था। इसी तरह संजय तिवारी ने 2011 में सीतापुर के मछरेहटा में देवी सहाय शुक्ल की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

इस बीच, पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की पत्नी रश्मि ने मुठभेड़ पर असंतोष जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

रश्मि ने मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम आज हुई मुठभेड़ से संतुष्ट नहीं हैं और पुलिस के काम से भी बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस ने जो भी खुलासा किया वह सब मनगढ़ंत था। हम उससे कभी संतुष्ट नहीं थे।’

उन्होंने कहा, ‘हम शुरू से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि इससे मेरे पति की हत्या में शामिल सभी चेहरे बेनकाब हो जाते।’

रश्मि ने कहा, ‘हमारी कोई नहीं सुनता, जो लोग हमारा समर्थन कर रहे थे, उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि वे मेरे घर के सामने भी नहीं आ सकते और हमें आज हुई मुठभेड़ की कोई जानकारी नहीं मिली। न्याय ऐसे ही होता है?’

रश्मि ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई जांच की मांग के लिए दिल्ली जाएंगी।

भाषा सलीम नोमान

नोमान

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