नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग के खिलाफ चुनाव धोखाधड़ी के राहुल गांधी के आरोप को एक ‘‘सुनियोजित धोखाधड़ी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस भारत के लोकतंत्र तथा संविधान के खिलाफ एक बड़ी साजिश के तहत संवैधानिक संस्थाओं पर ‘‘व्यवस्थित’’ हमला कर रही है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि गांधी भाजपा की चुनावी जीत को ‘‘धोखाधड़ी’’ बताकर देश के लोगों के ‘‘विवेकपूर्ण निर्णय’’ का अपमान कर रहे हैं। इसने कहा कि मतदाता इस तरह के ‘‘गैर-जिम्मेदार और बेशर्मी भरे’’ चरित्र एवं आचरण के लिए कांग्रेस को लगातार खारिज करते रहेंगे।
इसने आरोप लगाया कि गांधी ने हताशा और गुस्से में निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाए हैं, क्योंकि लोग कांग्रेस को अपना जनादेश नहीं दे रहे हैं। पार्टी ने चुनाव परिणामों पर दोहरे मापदंड अपनाने को लेकर कांग्रेस नेता की आलोचना की और उनसे कहा कि उन्हें यह बात समझनी चाहिए कि उनके परिवार की जीत लोकतंत्र की परिभाषा नहीं है।
भाजपा का यह बयान तब आया जब गांधी ने यहां मीडिया के सामने दावा किया कि कर्नाटक में एक लोकसभा क्षेत्र से संबंधित मतदाता आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर निर्वाचन आयोग ने चुनावों में धांधली की, ताकि भाजपा को वोट ‘‘चुराने’’ और 2024 के आम चुनाव में सीट जीतने में मदद मिल सके।
कांग्रेस नेता ने भाजपा की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग और सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा देश भर में बड़े पैमाने पर ‘‘आपराधिक धोखाधड़ी’’ की जा रही है।
कांग्रेस नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गैर-जिम्मेदाराना और बेशर्मी से भरी टिप्पणी की है।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि गांधी ने निर्वाचन आयोग को धोखेबाज कहा है और ‘‘बेशर्मी’’ की सारी हदें पार कर दी हैं।
संसद भवन परिसर में पत्रकारों के साथ बातचीत में प्रसाद ने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी चुनाव जीत रहे हैं और आप (राहुल गांधी) उसे भी धोखाधड़ी कह रहे हैं। आप देश की जनता का अपमान कर रहे हैं, जिसने मोदी जी के काम, ईमानदारी और उनके नेतृत्व में देश की प्रगति के लिए उन्हें वोट दिया था।’’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आप मानहानि के मामलों में जमानत पाने के लिए देश भर में घूमते रहते हैं और आप किसी और को धोखेबाज कहते हैं। मैं राहुल गांधी के बयानों की कड़ी निंदा करता हूं। उनका व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है और उन्हें संवैधानिक संस्था के बारे में भी नहीं पता कि क्या बोलना है।’’
प्रसाद ने कहा कि गांधी ने हताशा और गुस्से के कारण निर्वाचन आयोग के खिलाफ ऐसे आरोप लगाए हैं, क्योंकि लोग कांग्रेस को अपना जनादेश नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपके ऐसे व्यवहार, चरित्र और आचरण के कारण लोग आपको (कांग्रेस को) वोट नहीं देंगे।’’
इस बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गांधी पर आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग पर हमला करके लोगों के “विवेकपूर्ण निर्णय” का अपमान कर रहे हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सत्ता खोने की पीड़ा में ‘बयान बहादुर’ राहुल गांधी पूरी तरह से अपना धैर्य खो चुके हैं।’’
वरिष्ठ भाजपा नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वैचारिक रूप से खोखली कांग्रेस पार्टी संवैधानिक संस्थाओं पर व्यवस्थित रूप से हमला कर रही है। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस सोची-समझी धोखाधड़ी के पीछे भारत के लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ एक बड़ी साजिश है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, उनके परिवार का इतिहास भी आपातकाल के काले अध्याय से भरा हुआ है।’’
प्रधान ने चुनाव परिणामों पर ‘‘दोहरे मानदंड’’ अपनाने के लिए गांधी की आलोचना की।
प्रधान ने कहा, ‘‘यह दोहरा मापदंड अब नहीं चलेगा- जीतने पर निर्वाचन आयोग की प्रशंसा करना और हारने पर उसे पक्षपाती कहना।’’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह समझने की जरूरत है कि उनके परिवार की जीत लोकतंत्र की परिभाषा नहीं है।
प्रधान ने पूछा, “जब निर्वाचन आयोग ने बिहार में एसआईआर के संबंध में सभी दलों को शिकायत दर्ज कराने के लिए आमंत्रित किया था, तब राहुल गांधी कहां थे?”
उन्होंने कहा, “उस समय न तो कांग्रेस और न ही ‘इंडिया’ गठबंधन के किसी घटक दल ने निर्वाचन आयोग से संपर्क किया।”
प्रधान ने कहा कि बिहार के लोग अब लोकतंत्र और संविधान के ऐसे विरोधियों को करारा जवाब देने के लिए तैयार हैं।
भाषा नेत्रपाल सुरेश
सुरेश