नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि अगर विधानसभा परिसर में बने कार्यालयों को खाली नहीं किया गया तो अधिकारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया जाएगा।
तरविंदर सिंह मारवाह और करनैल सिंह सहित कुछ विधायकों ने विधानसभा समितियों के पास बैठकों के लिए स्थान की कमी होने पर चिंता जताई थी जिसके बाद गुप्ता ने यह बात कही।
मारवाह ने सदन में कहा, ‘‘अगर हमें कमरे उपलब्ध नहीं कराए गए, तो हम आपके कार्यालय के बाहर कुर्सियां लगाकर बैठक करेंगे।’’
अध्यक्ष ने इस समस्या पर ध्यान देते हुए कहा कि वह महत्वपूर्ण समितियों के लिए भी अलग कमरे उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘‘तीन समितियां एक ही कमरे में बैठक करती हैं। 25 समिति अध्यक्ष हैं, लेकिन केवल 11 कमरे उपलब्ध हैं। यह विधानसभा के लिए अन्याय है, क्योंकि नौकरशाहों ने इन जगहों पर कब्जा कर रखा है।’’
गुप्ता ने कहा कि फार्मेसी काउंसिल के पास वर्तमान में आठ कमरे हैं, और शिक्षा निदेशालय भी कार्यालय स्थान का उपयोग कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे कमरे छोड़ने को तैयार नहीं हैं, और मैंने इस बारे में शिक्षा मंत्री से बात की है। समिति के अध्यक्षों ने इस मुद्दे पर मुझसे संपर्क किया था, और मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। यहां केवल संवाद और विधायी कार्य ही होने चाहिए। शायद यह विधानमंडल कमजोर है; बाबू लोग हटने को तैयार नहीं हैं।’’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर भविष्य में बेदखली के नोटिस जारी किए जाते हैं, जो मेरे अधिकार क्षेत्र में है, तो यह आदर्श स्थिति नहीं होगी।’’
दिल्ली के पर्यावरण और उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने स्थिति के लिए खेद प्रकट करते हुए अध्यक्ष को आश्वासन दिया, ‘‘हम जल्द ही कोई समाधान निकालेंगे और कार्रवाई करेंगे। कुछ विभागों ने कार्यालयों पर कब्जा कर रखा है, हम देखेंगे कि क्या मुद्दे हैं और तदनुसार उनका समाधान करेंगे।’’
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता अतितशी ने कहा कि कमरों के आवंटन में एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘एक विधायक का प्रोटोकॉल मुख्य सचिव के प्रोटोकॉल के बराबर होता है। अगर कार्यालय खाली नहीं किए जा रहे हैं, तो विभागाध्यक्षों को तलब किया जाना चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
गत 30 मई को, विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर विधानसभा परिसर में विभागों के कब्जे वाले स्थानों को खाली करने के निर्देश देने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।
कुछ विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में कार्यालय न होने का मुद्दा भी उठाया। दिल्ली विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक अभय वर्मा ने उल्लेख किया कि विधायकों को कार्यालय स्थान आवंटित करने के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) नहीं है।
भाषा वैभव अविनाश
अविनाश