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Monday, August 11, 2025

भारत रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम ‘पूरी स्पष्टता और ईमानदारी’ से संवाद करते हैं: अमेरिकी अधिकारी

Newsभारत रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम ‘पूरी स्पष्टता और ईमानदारी’ से संवाद करते हैं: अमेरिकी अधिकारी

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, आठ अगस्त (भाषा) अमरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ अमेरिका ‘‘पूरी स्पष्टता और ईमानदारी’’ से संवाद करता है और (अमेरिका के) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने और वाशिंगटन के साथ उसके व्यापार असंतुलन को लेकर अपनी चिंताएं स्पष्ट रूप से साझा कर चुके हैं।

विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारत के संदर्भ में मैं यह कह सकता हूं कि अमेरिका के राष्ट्रपति व्यापार असंतुलन और रूस से तेल खरीदने को लेकर अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से साझा कर चुके हैं। आपने देखा है कि उन्होंने इस पर सीधे तौर पर कार्रवाई भी की है।’’

वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 31 अगस्त से एक सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की निर्धारित यात्रा पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। यह मोदी की सात साल बाद चीन की यात्रा होगी।

पिगॉट ने कहा, ‘‘भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम खुलकर और स्पष्ट रूप से संवाद करते हैं। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इसके बारे में बात की है।

पिगॉट ने कहा, ‘‘विदेश नीति में ऐसा नहीं होता कि हर मुद्दे पर 100 प्रतिशत सहमति हो। लेकिन यह बहुत स्पष्ट है कि राष्ट्रपति व्यापार असंतुलन और भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने इस पर कदम भी उठाए हैं।’’

जब पिगॉट से पूछा गया कि क्या अमेरिका और भारत के रिश्तों में समग्र रूप से गिरावट को लेकर कोई चिंता है और क्या नयी दिल्ली की चीन से करीबी की संभावना है, तो उन्होंने कहा कि यह इस प्रशासन की वास्तविक चिंताओं को लेकर “ईमानदार, पूर्ण और स्पष्ट संवाद” का मामला है और इनके बारे में राष्ट्रपति ने बहुत स्पष्ट रूप से बात की है तथा इन पर कदम भी उठाए हैं।

उन्होंने कहा, “इन चिंताओं का समाधान करना महत्वपूर्ण है। यही स्पष्ट संवाद का हिस्सा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार, यह एक स्पष्ट और पूर्ण संवाद का मामला है और यही अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने का मतलब है। यही वास्तव में साझेदारों के साथ पूर्ण कूटनीतिक संवाद करने का अर्थ है ताकि उन चिंताओं से निपटा जा सके, जिनका समाधान हमें करना है।’’

भाषा गोला सिम्मी

सिम्मी

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