विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करते हुए शुक्रवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया।
इन सदस्यों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और इसे ‘‘वोट की चोरी’’ करार दिया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक और वाम दलों के अन्य सांसद संसद के मकर द्वार के पास एकत्र हुए। उन्होंने एसआईआर को वापस लेने की मांग करते हुए तख्तियां ले रखी थीं और नारेबाजी कर रहे थे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी चुनाव आयोग पर इलेक्शन में धांधली को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा जब इतना बड़ा खुलासा किया है तो आपको इसकी जांच करनी चाहिए, आप आखिर क्यों वोटर लिस्ट नहीं दे रहे हैं? आप जांच क्यों नहीं कर रहे। उसके बजाय आप एफेडेविट पर साइन मांग रहे हो। जो शपथ हम सदन में लेते हैं, उससे बड़ी कौन सी शपथ है। हम तो सबकुछ सार्वजनिक तौर पर कहे रहे हैं, आपको दिखा भी रहे हैं कि देखिए 40 हजार फर्जी वोट है।
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यह एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन का 13वां दिन था। विपक्ष ने सोमवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के मद्देनजर प्रदर्शन नहीं किया था। प्रदर्शन कर रहे सांसदों के सामने एक बैनर था जिस पर लिखा था ‘‘हमारा वोट, हमारा अधिकार, हमारी लड़ाई।’’ एक अन्य बैनर में ‘‘एसआईआर – खामोश अदृश्य धांधली’’ लिखा था।
सांसदों ने हाथों में ‘‘एसआईआर बंद करो’’ और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ लिखी तख्तियां ले रखी थीं। इन नारों का संदर्भ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा बृहस्पतिवार को किए गए संवाददाता सम्मेलन से था, जिसमें उन्होंने निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया था।
विपक्ष का आरोप है कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले इस एसआईआर अभियान के जरिए मतदाताओं को जानबूझकर सूची से बाहर किया जा रहा है। वे दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। बिहार में जारी एसआईआर को लेकर संसद में गतिरोध बना हुआ है।
आपको बता दें कि मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई से हुई है, लेकिन एसआईआर को लेकर बार-बार कार्यवाही बाधित होने के कारण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा तथा शोर-शराबे के बीच कुछ विधेयक पारित होने के अलावा दोनों सदनों में और कोई विशेष कामकाज नहीं हो पाया है।
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