प्रयागराज, आठ अगस्त (भाषा) जिले में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर से नीचे आने और लगातार घटने के साथ प्रयागराज नगर निगम युद्ध स्तर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में साफ सफाई में जुट गया है।
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनीता सिंह ने बताया कि आज दोपहर 12 बजे जिले में यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 82.77 मीटर, जबकि गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.16 मीटर, छतनाग में 81.84 मीटर और बक्शी बांध पर यह 82.50 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में निरंतर गिरावट जारी है।
प्रयागराज नगर निगम के अपर नगर आयुक्त दीपेंद्र यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से बाढ़ का पानी हटने के साथ नगर निगम के कर्मचारी साफ सफाई में जुट गए हैं।
उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 3,000 सफाई कर्मियों को लगाया गया है, वहीं आंशिक प्रभावित क्षेत्रों से 600 कर्मचारी, पूर्ण प्रभावित क्षेत्रों में लगाए गए हैं।
यादव ने बताया कि जिन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल गया है, वहां ‘वाटर प्रेशर’ मशीनें लगाकर गाद हटाया जा रहा है। जितना पानी घट रहा है, प्रतिदिन उतना क्षेत्र साफ कर दिया जा रहा है।
इसके अलावा, प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है और जहां कर्मचारी नहीं पहुंच पा रहे हैं, वहां कृषि विभाग से लिए गए दो ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया जा रहा है।
सदर के बाढ़ प्रभावित सलोरी क्षेत्र में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतीक विश्वकर्मा ने बताया कि बाढ़ घटने से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन पूरा इलाका साफ होने में कई दिन लग सकते हैं क्योंकि गलियों में गंदगी फैल गई है।
अपर जिलाधिकारी विनीता सिंह ने बताया कि पिछले शनिवार से ही गंगा और यमुना का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया था जिससे जिले के 200 से अधिक गांवों और शहर की करीब 60 बस्तियों में पानी भर गया था। लेकिन अब जलस्तर नीचे आने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नगर में सदर तहसील के अंतर्गत आने वाले 107 वार्ड एवं मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हुए जिनमें राजापुर, बेली कछार, चांदपुर सलोरी, गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा और बड़ा बघाड़ा प्रमुख रूप से प्रभावित थे।
पिछले रविवार को कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता और इसके अगले दिन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था और अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।
भाषा राजेंद्र
संतोष
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