राजस्थान में खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर श्रीभर्तृहरिनगर करने के फैसले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि भजनलाल सरकार ने विकास कार्यों की बजाय अब ऐसे फैसलों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है, जिनका मकसद केवल जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना है।
जूली ने बताया कि अलवर में आयोजित होने वाले श्री भर्तृहरि महाराज के प्रसिद्ध मेले के लिए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को लेकर उन्होंने करीब एक महीने पहले राज्य सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के बजाय सरकार ने “सस्ती लोकप्रियता” हासिल करने के लिए जिले का नाम बदलने जैसा निर्णय ले लिया।
जूली ने यह भी कहा कि सभी जानते हैं कि श्री भर्तृहरि महाराज की तपोस्थली मुख्य रूप से अलवर, मालाखेड़ा और थानागाजी के आसपास के इलाकों में रही है, जो खैरथल-तिजारा की भौगोलिक सीमा में नहीं आते। उनके मुताबिक, स्थानीय लोगों में भी इस फैसले को लेकर असंतोष है और सरकार को जल्दबाजी में लिए गए इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि “सरकार ने जैसे रात में सपना देखा और सुबह नाम बदल दिया।” उन्होंने कहा कि खैरथल-तिजारा का अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया है। उनके अनुसार, नाम बदलने से वहां के लोग आहत हैं और अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
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