तिरुवनंतपुरम, 10 अगस्त (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एमए बेबी ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) संवैधानिक निकाय के रूप में अपनी स्थिति को मान्यता दिए बिना केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के सहयोगी की तरह काम कर रहा है।
बेबी ने संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले आम चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से प्रकाशित मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों पर कुछ विस्फोटक खुलासे किए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के सुझावों पर विचार किए बिना भाजपा सरकार ने निर्वाचन आयोग में अपने प्रति वफादार लोगों को नियुक्त किया, जो अब “गड़बड़ियां करने में लगे हुए हैं।”
बेबी ने कहा, “एक तरफ वे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की आड़ में वास्तविक मतदाताओं के नाम हटा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे ऐसे मतदाताओं को जोड़ रहे हैं, जो किसी स्थान पर दो दिन से अधिक समय नहीं दिखते हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि किसी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का अधिकार पाने के लिए व्यक्ति के कम से कम छह महीने से उस स्थान का निवासी होने संबंधी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
माकपा नेता ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले केरल के त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा ने मतदाता सूची में लगभग 30,000 ‘फर्जी मतदाता’ जोड़े थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में आसपास के कई लोगों के नाम शामिल किए गए और इस मुद्दे की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने 2024 में त्रिशूर सीट जीती थी। यह राज्य की किसी लोकसभा सीट पर भाजपा की पहली जीत थी।
भाषा पारुल देवेंद्र
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