मुंबई, 10 अगस्त (भाषा) सारिका मिस्त्री के लिए इस वर्ष रक्षाबंधन विशेष रहा, क्योंकि उन्हें एक परोपकारी व्यक्ति से एक ऑटोरिक्शा उपहार स्वरूप मिला। यह ऑटोरिक्शा अब उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता और आय का एक स्थिर स्रोत सुनिश्चित करेगा, जिससे उनकी बेटियों का भविष्य सुरक्षित होगा।
मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंबोली की निवासी सारिका ने अपने पति (जो स्वयं भी ऑटोरिक्शा चलाते थे) को कैंसर होने का पता चलने के बाद कुछ महीने पहले ऑटोरिक्शा चलाना शुरू किया था।
एक नियमित कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी डॉ. अनील काशी मोरारका से हुई मुलाकात ने उनकी जिंदगी बदल दी।
डॉ. मोरारका ने शनिवार को अंधेरी के लोखंडवाला इलाके में सारिका को नया वाहन सौंपा, जहां वह नियमित रूप से काम करती हैं।
उन्होंने मोरारका को राखी बांधकर अपना आभार व्यक्त किया और उन्हें ‘बड़ा भाई’ कहा।
उन्होंने कहा कि इस उपहार ने त्यौहार के अवसर पर उनका ‘सबसे बड़ा सपना’ पूरा कर दिया है।
सारिका किराये पर ऑटोरिक्शा चलाती थी, लेकिन किराया देने में ही उनकी दैनिक कमाई खत्म हो जाती थी, जिससे उनके पास घर ले जाने के लिए बहुत कम पैसा बचता था।
डॉ. मोरारका ने हाल ही में सारिका के साथ यात्रा की और संक्षिप्त बातचीत के दौरान उनकी कठिनाइयों के बारे में जाना।
एनजीओ एम्पल मिशन के प्रमुख परोपकारी व्यक्ति ने कहा कि सारिका के दृढ़ निश्चय ने उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता था कि वह हमेशा किराया देती रहे। मैं चाहता था कि वह अपनी कमाई का हर एक रुपया अपने घर, अपने बच्चों और अपने लिए बचाकर रखे।’
भाषा शुभम रंजन
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