लखनऊ, 10 अगस्त (भाषा) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से जन प्रतिनिधियों की कार्यकुशलता को बढ़ाने के मकसद से उत्तर प्रदेश विधानसभा में रविवार को सदन के सदस्यों के लिये एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया।
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक ‘जन प्रतिनिधियों को सशक्त बनाना : एआई के माध्यम से संचार को मजबूत करना’ विषय पर विधानसभा में एक विशेष सत्र आयोजित हुआ। सत्र में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना एवं विभिन्न दलों के कई सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का संचालन सूचना-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉक्टर हर्षित और आशुतोष तिवारी ने किया और विषय की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि तकनीक समय के साथ बदलती रहती है और बदलते समय में विधायकों के लिए नई तकनीकों को अपनाना अनिवार्य हो गया है। उनके मुताबिक, एआई के माध्यम से न केवल कार्यकुशलता बढ़ाई जा सकती है बल्कि जनता के साथ संवाद को और अधिक पारदर्शी व त्वरित बनाया जा सकता है।
महाना ने कहा, ”तकनीक केवल सुविधा का माध्यम नहीं है। यह हमारे काम करने के तरीके को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है।”
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि उन्हें खुशी है कि विधानसभा में नई तकनीक को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज एआई जैसी उन्नत तकनीकें विधायी कार्य को और सशक्त बना रही हैं।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि विधानसभा का इतिहास अब तकनीकी माध्यम से संरक्षित हो रहा है। उन्होंने एआई को ‘ज्ञान का स्रोत’ बताते हुए कहा कि तकनीक का सही उपयोग विधायकों को अधिक प्रभावी बना सकता है।
सत्र के दौरान विभिन्न सदस्यों ने अपने विचार और प्रश्न रखे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि एआई जैसी तकनीकें जनप्रतिनिधियों को अधिक सशक्त बनाकर जनता की सेवा में नई संभावनाएं खोलती हैं।
इस अवसर पर ‘विधायकों के लिए एआई-संचालित शासन’ शीर्षक वाली पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तिका में एआई की मूल अवधारणाओं से लेकर बहुभाषी संचार, स्वचालित नीति विश्लेषण, केस स्टडी और नैतिक उपयोग के दिशा-निर्देश तक की जानकारी दी गई है।
इस पुस्तिका की प्रस्तावना में विधानसभा अध्यक्ष महाना ने लिखा है कि विधायकों की जिम्मेदारियां बढ़ रही हैं और ऐसे उपकरण आवश्यक हैं जो निर्णय लेने और जनसेवा को सरल, त्वरित और प्रभावी बनाएं।
सत्र में तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे एआई का उपयोग ‘वॉइस-टू-टेक्स्ट’, अनुवाद और दस्तावेज तैयार करने में किया जा सकता है। प्रस्तावित एआई समाधानों में एकीकृत डैशबोर्ड और चैटबॉट शामिल हैं जो विधायकों और जनता दोनों के लिए सूचनाओं को तुरंत उपलब्ध कराएंगे।
भाषा सलीम नोमान
नोमान