नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) सरकार ने सोमवार को समुद्री खाद्य निर्यातकों से उच्च अमेरिकी शुल्क की मौजूदा चुनौती का साहसपूर्वक सामना करने को कहा।
उन्होंने साथ ही कहा कि निर्यातकों को झींगा और दूसरी मछलियों के निर्यात के लिए वैकल्पिक बाजार तलाशने चाहिए।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के समुद्री खाद्य निर्यात के लिए वैकल्पिक बाजार उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, ”यूरोपीय संघ, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और कई देश भारतीय समुद्री खाद्य पदार्थों के निर्यात के लिए उपलब्ध हैं।”
सिंह ने कहा, ”हमने उनसे (निर्यातकों से) मौजूदा चुनौती का साहसपूर्वक सामना करने को कहा है। वैकल्पिक बाजार उपलब्ध हैं… जहां चाह है, वहां राह है।”
मंत्री ने दूसरे बाजारों तक पहुंचने से पहले मूल्यवर्धन और पैकेजिंग में सुधार की जरूरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ”हमने उनसे कहा कि अन्य बाजारों तक पहुंचने से पहले, मूल्य संवर्धन और पैकिंग में सुधार की जरूरत है। हमने इस दिशा में काम करने को कहा है।”
सिंह ने निर्यातकों से मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और पैकेजिंग सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मत्स्य अवसंरचना विकास कोष का लाभ उठाने का भी आग्रह किया।
निर्यात संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) को चार प्रमुख उत्पादक राज्यों के निर्यातकों से मिलने और उन्हें नए बाजारों के लिए तैयार करने के लिए कहा गया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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