नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण (सीईए) के प्रमुख देवेंद्र कुमार सिंह ने सोमवार को सहकारी समितियों की चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इसे सुव्यवस्थित करने की जरूरत बतायी।
सिंह ने राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरणों (एससीईए) के साथ यहां आयोजित पहली परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सहकारी चुनावों के लिए मानक दिशा-निर्देश और आचार संहिता जरूरी है।’’
इस बैठक का उद्देश्य एससीईए के साथ संवाद का ऐसा तंत्र विकसित करना था, जिससे सहकारी संस्थाओं में चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष हों और चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बने।
बैठक में सहकारी समितियों के उम्मीदवारों के लिए आचार संहिता तैयार करने, बहु-राज्य सहकारी समितियों (एमएससी) के चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च की अधिकतम सीमा तय करने, निर्वाचन अधिकारियों के लिए पुस्तिका के प्रकाशन, राष्ट्रीय सहकारी समितियों की सदस्य सहकारी समितियों से प्रतिनिधियों के चुनाव और राज्यों से मिले अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
सहकारिता मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कुछ राज्यों ने सहकारी चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) लागू करने का सुझाव भी दिया।
सिंह ने सदस्यों की हिस्सेदारी पूंजी, प्रत्याशियों के चुनाव चिह्न और जल्दी न मिटने वाली स्याही के उपयोग जैसे विषयों पर भी चर्चा की।
इसके साथ ही सीईए ने हर तीन महीने में ऐसी परामर्श बैठक करने का निर्णय लिया।
सीईए की स्थापना 11 मार्च, 2024 को बहु-राज्य सहकारी समितियां अधिनियम, 2002 और उसमें 2023 में हुए संशोधन के तहत की गई थी। प्राधिकरण अब तक 159 चुनाव करा चुका है और 69 अन्य चुनावों की प्रक्रिया जारी है।
बैठक में ओडिशा, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना एवं महाराष्ट्र के राज्य निर्वाचन आयुक्त और मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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