ठाणे, 11 अगस्त (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के कार्यकर्ताओं ने महासचिव जितेंद्र आव्हाड के नेतृत्व में ठाणे स्थित पार्टी कार्यालय के बाहर सोमवार को प्रदर्शन किया और निर्वाचन आयोग (ईसी) के प्रतीक चिह्न की प्रतिकृति को प्रतीकात्मक रूप से जलाया।
इस प्रदर्शन में पार्टी के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।
विपक्षी राकांपा (एसपी) ने निर्वाचन आयोग पर ‘‘देश के लोकतंत्र को नष्ट करने’’ और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया।
ठाणे जिले के मुंब्रा-कालवा से विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मौके पर एक सभा को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयोग पर हाल के चुनाव में ‘‘वोट चोरी’’ में सहायता करने का आरोप लगाया।
आव्हाड ने आरोप लगाया, ‘‘निर्वाचन आयोग ने देश के लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है। लोकसभा चुनाव में लाखों फर्जी मतदाता दिखाए गए और आखिरी घंटे में अचानक 15 प्रतिशत मतदाता बढ़ गए। यह और कुछ नहीं, बल्कि संगठित वोट चोरी है।’’
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक विपक्षी दलों के मार्च का जिक्र करते हुए कहा, “नयी दिल्ली और अन्य जगहों पर हुए प्रदर्शन की तर्ज पर हम संविधान की रक्षा के लिए ठाणे में सड़कों पर उतरे हैं।”
विपक्ष के नेता राहुल गांधी (लोकसभा) और मल्लिकार्जुन खरगे (राज्यसभा) सहित विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ सोमवार को संसद भवन से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और भारी नाटकीय घटनाक्रम के बीच हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
आव्हाड ने निर्वाचन आयोग पर मतदाता सूची में हेराफेरी करने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘उन्होंने दिखाया है कि विभिन्न जातियों और धर्मों के 80 लोग एक ही घर में रहते हैं। एक व्यक्ति को 43 बच्चों का पिता बताया गया है। क्या यह संभव भी है?’’
उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति के लिए उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति में भारत के प्रधान न्यायाधीश को शामिल करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश को दरकिनार किए जाने के लिए केंद्र की आलोचना की।
प्रदर्शनकारी राकांपा (एसपी) के कार्यकर्ताओं ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ नारे लगाए और आयोग के प्रतीक चिह्न की प्रतिकृति को प्रतीकात्मक रूप से जलाया।
शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने देश में ‘‘चुनावी शुचिता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों’’ की बहाली तक अपना विरोध जारी रखने का संकल्प लिया।
भाषा
प्रीति दिलीप
दिलीप