नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संसद की कार्यवाही में बार-बार हो रहे व्यवधान के लिए सोमवार को कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि सरकार अब लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी, जिसके बाद संसद में आठ विधेयक पारित किए गए।
रीजीजू ने यहां संवाददाता सम्मेलन में मानसून सत्र जल्द समाप्त होने की ओर इशारा करते हुए और कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों से संसद की कार्यवाही चलने देने की अंतिम अपील करते हुए कहा कि उनकी इसमें दिलचस्पी नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह विपक्ष से आखिरी अपील कर रहे हैं और सरकार उनकी भागीदारी के बिना विधेयक पारित कराएगी।
जब उनसे संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही निर्धारित समय से पहले समाप्त होने की अटकलों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘वो तो देखते हैं। विपक्ष संसद की कार्यवाही चलने देने में दिलचस्पी नहीं रखता। विपक्ष को केवल खबरों के प्रबंधन में रुचि है। उन्हें लोकतांत्रिक संस्थाओं में भरोसा नहीं है।’’
मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी और इसके 21 अगस्त तक चलने का कार्यक्रम है।
संसद में अब तक का अधिकतर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस दौरान दो दिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई।
लोकसभा ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच सोमवार को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, आयकर (संख्यांक 2) विधेयक और कराधान विधि (संशोधन) विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिए।
राज्यसभा ने गोवा राज्य, सभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक को पारित कर दिया तथा मणिपुर विनियोग विधेयक और मणिपुर माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक को वापस कर दिया, जो पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं।
रीजीजू ने कहा, ‘‘हम हर दिन एक मुद्दे पर देश और संसद का समय बर्बाद नहीं होने देंगे। इसलिए, हम महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराएंगे।’’
उन्होंने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के लिए उत्सुक है, लेकिन विपक्ष द्वारा बार-बार व्यवधान के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हो रही है।
रीजीजू ने कहा कि विपक्षी सदस्य जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने में रुचि नहीं रखते हैं और हर दिन केवल एक मुद्दे पर विरोध करने के लिए उत्सुक रहते हैं।
बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा पर विपक्ष के विरोध का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘आपने एक मुद्दा उठाया है, इसे एक दिन उठाइए। हर दिन एक ही मुद्दा उठाने का क्या मतलब है?’’
मंत्री ने कहा कि कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद के दोनों सदनों में लंबित हैं।
विपक्षी दल इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
विपक्ष इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग कर रहा है, जिसे सरकार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि निर्वाचन आयोग जैसी किसी संवैधानिक संस्था के कामकाज पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती।
मंत्री ने दावा किया कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने कहा है कि वे असहाय हैं क्योंकि उनके नेता जानबूझकर संसद को बाधित करा रहे हैं।
रीजीजू ने कहा, ‘‘लोगों को संसद में जनकल्याण के लिए चुना गया है, लेकिन अगर आप हर दिन व्यवधान डालेंगे, तो आप लोगों की सेवा कैसे करेंगे?’’
मंत्री ने कहा कि विपक्ष को उच्चतम न्यायालय, निर्वाचन आयोग या संसद पर कोई भरोसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करते हैं। वे हर दिन यह नाटक क्यों करते हैं?’’
विपक्ष के संसद से निर्वाचन आयोग के लिए मार्च निकाले जाने पर, रीजीजू ने कहा कि आयोग ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन के मुद्दे पर मिलने के लिए प्रत्येक दल के दो-दो सदस्यों वाले 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे अपने नेता या प्रतिनिधि तय नहीं कर सकते, तो निर्वाचन आयोग से समय क्यों मांग रहे हैं? अब, मल्लिकार्जुन खरगे कह रहे हैं कि पूरा विपक्ष वीआईपी है। क्या विपक्ष के सभी 150 सदस्य मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कक्ष में उनके साथ बैठक के लिए जाएंगे?’’
मंत्री ने कहा, ‘‘आप चर्चा में भाग लें। बाद में यह न कहें कि आपको चर्चा में भाग लेने की अनुमति नहीं मिली थी।’’
रीजीजू ने कहा, ‘‘आप अपने विचार रख सकते हैं, संशोधन पेश कर सकते हैं और असहमति पत्र दे सकते हैं। यह आपका अधिकार है। आप संसद में आए हैं।’’
भाषा वैभव नेत्रपाल
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