नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि तमिलनाडु के कीलाडी में पहले दो सत्रों के उत्खनन की रिपोर्ट की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की गई तथा कार्यप्रणाली, कालक्रम, व्याख्या, प्रस्तुति और विश्लेषणात्मक प्रक्रिया में ‘‘कमियों’’ से मुख्य उत्खननकर्ता को अवगत कराया गया है।
संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में कनिमोई और एस वेंकटेशन के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
मंत्री से तमिलनाडु के कीलाडी में पुरातात्विक स्थल की खुदाई के कई चरणों के पूरा होने के बावजूद, वहां की खुदाई रिपोर्ट प्रकाशित करने में ‘‘विलंब’’ के कारण पूछे गए थे।
उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या सरकार ने जनवरी 2023 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को प्रस्तुत की गई मसौदा उत्खनन रिपोर्ट प्राप्त कर ली है और उसे स्वीकार कर लिया है।
शेखावत ने बताया, ‘‘2014-15 और 2015-16 सत्रों की उत्खनन रिपोर्ट एएसआई को जनवरी 2023 में प्राप्त हुई थी और तब से मानक प्रोटोकॉल के अनुसार विशेषज्ञों द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है। यह प्रक्रिया अकादमिक शुचिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है और इसका उद्देश्य निष्कर्षों के महत्व में देरी करना या उन्हें कमतर करना नहीं है।’’
मंत्री ने बताया कि पहले दो सत्रों की उत्खनन रिपोर्ट की विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की गई है तथा कार्यप्रणाली, कालक्रम, व्याख्या, प्रस्तुति और विश्लेषणात्मक प्रक्रिया आदि में कमियों से मुख्य उत्खननकर्ता को अवगत कराया गया है।
शेखावत ने बताया कि इस स्थल के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 2014 से 2017 के बीच यहां खुदाई की थी। 2018 से तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग ने इस स्थल पर खुदाई जारी रखी है। हालांकि, राज्य के पुरातत्व विभाग की अंतिम रिपोर्ट अब तक प्रकाशित नहीं हुई है।
भाषा सुभाष अविनाश
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